सतना, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारी (MP Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया हैं। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्राचार्य (principal) पर कार्रवाई की जा रही है। दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग व जनजाति कार्य विभाग (Tribal Affairs Department) द्वारा संचालित शासकीय स्कूल के उन प्राचार्य के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है, जिनके रिजल्ट खराब हुए हैं।
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बीते दिनों मध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की तरफ से हाई स्कूल (high school)-हाई सेकेंडरी परीक्षा (higher secondary exam) के परिणाम घोषित (result announced) किए गए थे। जिसमें इस वर्ष 10वीं के औसत परीक्षा परिणाम 59.54% रिकॉर्ड किया गया था। वही अगर सतना जिले की बात की जाए तो जिले का औसत परीक्षा परिणाम 40.58% रहा है।
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इस वर्ष के परीक्षा परिणाम में 18 फीसद की कमी रिकॉर्ड की गई है। वही इस बारे मध्य प्रदेश में जिले की रैंकिंग घटकर 51 पर आ गई है। जबकि 2020 में जिले की रैंकिंग 37 रिकॉर्ड की गई थी। हायर सेकेंडरी स्कूल वर्ष 2022 की बात की जाए तो इसमें जिले का प्रतिशत 61.8 साथ रिकॉर्ड रहा है। 2020 की तुलना में इसमें 8% की गिरावट रिकॉर्ड की गई है।
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वहीं जिले की रैंकिंग में भी गिरावट देखने को मिली है। 2020 में 29 स्थान पर काबिज रहने के बाद सतना जिला इस वर्ष 47 वें स्थान पर पहुंच गया है। खराब रिजल्ट और पढ़ाई-लिखाई मामले में सतना के सरकारी सिस्टम मध्य प्रदेश के सबसे खराब 30 में रिकॉर्ड किया गया। जिसके बाद कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 248 स्कूलों के प्राचार्य के सैलेरी इंक्रीमेंट को रोक देने के नोटिस जारी किए हैं। वहीं कई अन्य जिलों में भी ऐसी कार्रवाई देखने को मिल रही है।