भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण (MP Reservation in Promotion) पर ताजा अपडेट है। मंगलवार 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई होना है। संभावना जताई जा रही है कि पहले एमी के मामले की सुनवाई हो सकती है और अहम फैसला आ सकता है।चुंकी राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदोन्नति में आरक्षण पर 6 साल से रोक लगी है। उम्मीद है सितंबर में प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का 6 सालों का इंतजार खत्म हो सकता है।
दरअसल, यह सुनवाई 1 सितंबर को होनी थी, लेकिन किन्ही कारणों से टल गई और अब 6 सितंबर को होने वाली है। इधन, सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण संस्था (स्पीक) ने मामले में जल्द सुनवाई का आवेदन लगाया है, ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मामले की पहले सुनवाई हो सकती है। बता दे कि इस मामले में 17 अगस्त को सुनवाई तय हुई थी, लेकिन अस्वस्थता के कारण अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल नहीं पहुंच पाए, इसके बाद कोर्ट ने 1 सितंबर की तारीख तय की लेकिन किन्हीं कारणों से सुनवाई नहीं हो पाई।अब मंगलवार को होगी।
राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के पदोन्नति में आरक्षण (MP Reservation in Promotion) पर 6 साल से रोक लगी है, भारतीय सेवा और राज्य सेवा के कुछ अधिकारियों सहित न्यायालय से फैसला लाने वालों को छोड़कर किसी को भी कर्मचारी-अधिकारी को प्रमोशन नहीं दिया गया है।कर्मचारी इस मामले का हल जल्द चाहते हैं। क्योंकि उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले पदोन्नति नहीं मिल पा रही है।आरक्षित व अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी राज्य सरकार से कोर्ट के निर्णय के अधीन पदोन्नति शुरू करने का आग्रह भी कई बार कर चुके हैं, लेकिन अबतक कोई हल नहीं निकला।
बता दे कि मध्य प्रदेश में पिछले 6 साल यानि 2016 से कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला लंबित है।इस अवधि में 70000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और करीब 36000 को पदोन्नति नहीं मिली है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को ‘मप्र लोक सेवा (पदोन्न्ति) नियम 2002″ को खारिज कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मई 2016 में यथास्थिति (स्टेटस-को) रखने के निर्देश दिए हैं, तब से पदोन्नति पर रोक लगी है।