MP कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, समय पर पूरा नहीं किया यह काम तो कटेगा वेतन, आदेश जारी

Kashish Trivedi
Published on -
government employees pensioners

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों (MP Employees) अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दरअसल इस मामले में जबलपुर नगर निगम (Jabalpur Municipal Corporation) द्वारा कर्मचारियों को बड़े निर्देश दे दिए गए। दरअसल नगर निगम में अधिकारी कर्र्मचारी द्वारा अकारण फाइल रखना कर्मचारियों के लिए महंगा पड़ सकता है। इस मामले में निगम आयुक्त द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक विभागीय अधिकारी और कर्मचारी की टेबल पर जितने दिन फाइल रहेगी। संबंधित अधिकारी कर्मचारी के उतने दिन के वेतन (salary) में कटौती की जाएगी।

दरअसल निगम आयुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हमेशा देखने में आ रहा है कि अधिकारी कर्मचारी द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। जिस विभागीय अधिकारी या बाबू की टेबल पर पहले पहुंच रही है। उसका निराकरण उसी दिन करना अनिवार्य होगा। एक फाइल कई-कई दिनों तक विभागीय अधिकारी कर्मचारी के टेबल पर पड़ी रहती है। ऐसे में जितने दिन तक फाइल विभागीय अधिकारी कर्मचारी कटौती की जाएगी।

 PM Kisan: किसानों को सरकार देगी 36000 रुपए सालाना! जल्द पूरा करें ये काम, जानें नियम

मामले में निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ का कहना है कि कई विभागों में अकारण फाइल रोक कर रखी जा रही है। जिससे भवन शाखा, योजना विभाग, जल विभाग संबंधित अन्य विभागों में नागरिकों के काम समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में नागरिकों की परेशानी को देखते हुए निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं अधिकारी द्वारा इसे तुगलगी फरमान बताया जा रहा है।

निगम आयुक्त का कहना है कि अधिकारी कर्मचारियों के टेबल पर जिस भी दिन फाइल पहुंचे। उसे उसी दिन निराकरण कर आगे बढ़ा दिया जाए। File को अकारण रोकने अविलंब करने पर जितने दिन अधिकारी कर्मचारियों द्वारा फाइल में विलंब किया जाएगा, उतने दिन के उनके वेतन में कटौती की जाएगी। मामले में अधिकारियों का कहना है कि हर दिन 50 से 80 फाइलें उनके टेबल पर आती है। ऐसे में 1 दिन में उनके निराकरण संभव नहीं है। निराकरण करने में काफी समय लगता है। निगमायुक्त के आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारियों को वेतन ही नहीं मिलेगा। निगमायुक्त के इस फैसले को अधिकारी कर्मचारी बेबुनियाद बता रहे हैं।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News