भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में बाल हित में बड़े फैसले लिए गए हैं। दरअसल बाल देखरेख संस्थाओं में छोड़े जाने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र के आयु के बालक और बालिकाओं को आर्थिक और शैक्षणिक सहयोग दिया जाएगा साथ ही समाज में पूर्ण स्थापित करने और 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों और उनके संरक्षक को को जीवन यापन के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (Chief Minister Child Ashirwad Scheme) शुरू की गई है। वही योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला और बाल विकास विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है।
इस योजना के तहत बच्चों को कई तरह के लाभ उपलब्ध कराए जाएंगे आफ्टर केयर के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था निधिवन दिनांक के वर्ष को सम्मिलित किया जाएगा और 5 वर्ष तक वहां निवास करने वाले बच्चे इसके पात्र माने जाएंगे। आफ्टर केयर के संदर्भ में बच्चों को आर्थिक सहायता के अलावा इंटर्नशिप व्यावसायिक प्रशिक्षण शिक्षा के लिए निर्धारित समय अवधि अथवा 24 वर्ष की आयु ,जो भी पहले हो, तब तक लाभ प्रदान किए जाएंगे।
बच्चों को उद्योग विभाग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला और बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची में उल्लेखित योग्यता के अनुसार औद्योगिक संस्थान, प्रतिष्ठान और संस्थानों की पहचान कर इंटर्नशिप का लाभ दिया जाएगा। साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत उन्हें 5000 प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी और इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या 1 वर्ष जो भी कम हो, तक उन्हें यह सहायता प्रदान की जाएगी। हालांकि यह सहायता 1 वर्ष तक ही पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जानी है।
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क्या मिलेगी सुविधा
- बच्चों को पोलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि में दी जाने वाली शासकीय संस्थाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा निःशुल्क किये जायेंगे।
- इसके अलावा व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 5 हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि समाप्ति तक या दो वर्ष जो भी कम हो तक देय होगी। हालांकि किसी भी दशा में 2 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
- NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को अध्ययन अवधि के दौरान 5 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जायेगी एवं पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी।
कौन होंगे पात्र
- स्पॉन्सरशिप मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों के लिए है, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों तथा जो मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना की पात्रता में नहीं आते हैं।
- ऐसे बच्चे योजना में पात्र होंगे। स्पॉन्सरशिप के तहत पात्र पाये गये प्रत्येक बच्चे को 4 हजार रूपये प्रतिमाह की सहायता न्यूनतम एक वर्ष के लिये दी जाएगी।
- राशि बच्चे एवं रिश्तेदार अथवा संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी।
- बालक अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार न होने की स्थिति में न्यूनतम एक वर्ष की अवधि में वृद्धि की जा सकेगी, हालांकि किसी भी स्थिति में अधिकतम 18 वर्ष की आयु के बाद राशि देय नहीं होगी।
कैसे मिलेगा लाभ
- प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जायेगा।
- योजना में सभी आवेदन बाल आशीर्वाद पोर्टल www.scps.mp.gov.in पर प्राप्त किए जाएंगे।
- आवेदन की प्रक्रिया निःशुल्क होगी। योजना का लाभ लेने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) से संपर्क किया जा सकता है।
- समस्त लाभ पोर्टल से दिए जाएंगे।