केंद्रीय अध्ययन दल के साथ CM Shivraj की बैठक, बोले- बाढ़ में 58 हजार मकान और 51 करोड़ का अनाज बर्बाद

Kashish Trivedi
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डेंगू

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते दिनों ग्वालियर चंबल (gwalior-chambal) में आई बाढ़ (MP Flood) ने मध्य प्रदेश (MP) को खासा नुकसान पहुंचाया है। बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय अध्ययन दल मध्य प्रदेश पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) द्वारा केंद्रीय अध्ययन दल के अफसरों के साथ बैठक की गई। इस दौरान सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कहा कि बाढ़ में सबसे अधिक नुकसान फसल और किसानों का हुआ है। किसानों के जो फसल शेष रह गए हैं, वह जानवरों के खाने लायक भी नहीं है। इसलिए मानवीय दृष्टि से देखते हुए तत्काल किसानों सहित लोगों की मदद की जाए। गोदामों में रखा 51 करोड़ का अनाज खराब हुआ है, इसके अलावा एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसलें चौपट हुई है। इसके अलावा 58 हजार कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त के साथ 1175 करोड़ के पुल सड़क और सिंचाई परियोजना भी प्रभावित हुई है।

सीएम शिवराज ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के बाढ़ से प्रभावित हुए जिलों में प्रभावित हुई अधोसंरचना को फिर से जैसे का तैसा बल्कि उससे बेहतर बनाने का प्रयास है। श्योपुर जो एक तिहाई क्षेत्र में प्रभावित हुआ, वहां विशेष फोकस कर कार्यों को पूरा किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिले इसके लिए विभिन्न योजनाओं के प्रावधानों में राहतकारी संशोधनों के प्रयास भी किए गए हैं। आवास योजनाओं में मध्यप्रदेश के कोटे के आवास गृह की संख्या बढ़ाने का भी प्रयास है। इसके लिए शीघ्र ही केन्द्रीय मंत्रियों से आग्रह कर यह कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित जिलों में जनहानि नहीं होने दी गई। जो क्षति हुई है उसमें मुख्य रूप से किसान जो फसल बेचने के लिए सुरक्षित रख लेते हैं कि बाजार में कीमत ज्यादा मिलने पर उसे बेचेंगे, वह अब पशुओं के खाने योग्य ही रह गई है। कुछ दुकानों की भी ऐसी क्षति हुई है जो राजस्व पुस्तक परिपत्र की परिधि में नहीं है लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से मदद दी जाना चाहिए। इसके साथ ही खेतों में जमा सिल्ट और विशेष रूप से नदियों-नालों के किनारे रहने वाले लोगों के कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें अधिकतम सहायता के लिए अनुशंसा का प्रतिवेदन में ध्यान में रखने की अपेक्षा है।

राज्य शासन ने टास्क फोर्स का गठन कर 12 मंत्रियों को विशेष दायित्व सौंपे- CM 

CM Shivraj ने कहा कि स्कूल, आंगनवाड़ी भवन, स्वास्थ्य केन्द्र सहित शासकीय भवनों की क्षति तो हुई ही है, कृषि क्षेत्र भी प्रभावित हुआ। अत्यंत गरीब वर्ग के लोग ज्यादा प्रभावित हैं। प्रारंभिक तौर पर मकान की क्षति पर 6 हजार रूपए की राशि प्रभावित परिवार को देने के आदेश दिए गए हैं। राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार मवेशियों की जान जाने पर भी निर्धारित सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने रेस्क्यू ऑपरेशन का विवरण देते हुए बताया कि 32 हजार से अधिक लोगों को ऊंचे स्थानों पर लाकर ठहराया गया। ड्रोन सहित अनेक सूचना प्रौद्योगिकी साधनों का उपयोग कर राहत कार्य संचालित किए गए। टापूओं और पेड़ों पर फंसे करीब 09 हजार लोगों को निकाला गया। राज्य शासन ने टास्क फोर्स का गठन कर 12 मंत्रियों को विशेष दायित्व सौंपे। हर दूसरे-तीसरे दिन टास्क फोर्स की बैठक में राहत कार्यों की समीक्षा भी की जाती है।

PM सहित केन्द्रीय मंत्रियों का सहयोग मिला- मुख्यमंत्री चौहान

CM Shivraj ने केन्द्रीय दल को बताया कि राज्य शासन ने अपने समस्त संसाधनों का उपयोग कर लोगों की जान बचाने का काम प्राथमिकता से किया। यह कर्मकाण्ड नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) सहित केन्द्रीय रक्षा, गृह और कृषि मंत्रियों से संवाद होता रहा। उनका सहयोग भी प्राप्त हुआ। NDRF और SDRF के साथ सेना ने भी राहत कार्यों में पूरी मदद की। क्षति के आंकलन के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत विभागों का संयुक्त दल कार्य कर रहा है। पारदर्शिता के साथ प्रभावितों की सूची तैयार की जाएगी। इसे पंचायत भवन में प्रदर्शित किया जाएगा। कोरोना काल में सक्रिय रहीं क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को भी जिम्मेदारी दी गई है।

केन्द्रीय दल ने दिया विवरण

केंद्रीय दल ने दो दिन किए गए भ्रमण के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। केंद्रीय दल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री चौहान से कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थानीय प्रशासन ने राहत के कार्यों को सुचारु ढंग से संपादित किया। इसके साथ ही राज्य शासन के निर्देशों, तत्काल उठाए गए कदमों और मंत्री गण के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मौजूद रहकर राहत कार्यों के अवलोकन और प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किए गए बचाव और राहत के प्रयासों से भी लोगों को मदद मिली।

  • केंद्रीय दल ने 16 और 17 अगस्त को ग्वालियर चंबल संभाग के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे में ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के अंतर्गत चांदपुर और भितरवार तहसील के ग्राम सिल्हा, परायछा का निरीक्षण किया गया।
  • दल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आंगनवाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया।
  • सिंध नदी के क्षतिग्रस्त पुल देखने के बाद दल ने फसलों की क्षति का भी निरीक्षण किया।
  • केंद्रीय दल ने दतिया जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 44 पर सिंध नदी पर बने पुल के नुकसान का जायजा लिया।
  • ग्राम कोटरा में रिहायशी मकानों स्थानीय विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को हुई क्षति, स्कूल व आंगनवाड़ी भवन ग्राम तक पहुंचने वाले मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क की क्षति का अवलोकन किया।
  • केंद्रीय दल ने ग्राम सुनारी ग्राम पाली में बाढ़ की विभीषिका का जायजा किया।
  • टीम ने ग्राम पाली में फंसे 42 लोगों को मिलिट्री और एयरपोर्ट की सहायता से चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी भी ली और ग्राम सुनारी के राहत कैंपों का जायजा लिया।
  • केंद्रीय दल ने शिवपुरी जिले की तहसील नरवर में क्षति का जायजा लिया।
  • केंद्रीय दल क्रमांक 2 ने श्योपुर और मुरैना जिलों का दौरा किया।
  • केंद्रीय दल मुरैना जिले के तहसील कैलारस में दो-तीन-चार अगस्त को हुई अति वर्षा से क्वारी नदी में आई बाढ़ के कारण ने नेपरी पुल के पहुंच मार्ग का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत मुरैना जिले में सबलगढ़ से टेंटरा की लंबाई 15 किलोमीटर है।
  • भारी वर्षा के कारण इस मार्ग का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसका निरीक्षण दल ने किया।
  • दल ने श्योपुर जिले के ग्राम श्यामपुर तहसील वीरपुर के नजदीक बनाए गए तालाब के फूटने से प्रभावित फसल क्षति का निरीक्षण किया।
  • केंद्रीय दल ने ग्राम ओछापुरा में स्टेट टाइम में निर्मित तालाब के क्षतिग्रस्त हिस्से का अवलोकन किया।
  • दल ने श्योपुर जिले में 2-3 अगस्त को अत्यधिक वर्षा से तालाब के निकट निकली छोटी लाइन के नुकसान का भी जायजा लिया।
  • साथ ही क्षेत्र की फसल क्षति का निरीक्षण किया।
  • केंद्रीय दल ने ग्राम काशीपुर बड़ी चंबल नहर के पास सरारी नहर की दीवार टूटने का निरीक्षण किया।
  • चंबल नहर में लगभग 70 स्थान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
  • सीप नदी व टहला ग्राम के पुल और पावर हाउस भी क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनका निरीक्षण दल ने किया।
  • ग्राम कोटरा के निरीक्षण के दौरान पूर्णतः क्षतिग्रस्त मकानों, ग्राम वासियों के कपड़े बर्तन खाद्यान्नों की हुई क्षति का अवलोकन किया गया।
  • दल मेवाड़ा बहरावद होते हुए मानपुर गया।
  • रास्ते में सड़क के किनारे रखा सैकड़ों क्विंटल गेंहू और चना जो बाढ़ से गीला हो गया था उसका अवलोकन किया।
  • शहरी क्षेत्र श्योपुर का भी निरीक्षण केंद्रीय दल ने किया।

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