भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) के चलने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) ने फैसला लिया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायतों में कार्यो के संचालन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रधान प्रशासकीय समिति की व्यवस्था की जाए लागू कर दी गई है। वही यह व्यवस्था जनपदा जिला पंचायत स्तर पर भी लागू रहेगी।
इतना ही नहीं जब तक प्रदेश में पंचायत चुनाव आयोजित नहीं की जाती है। तबतक प्रधान प्रशासकीय शासकीय समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से ही बैंक खातों का संचालन भी किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश भर में मार्च 2020 में 22000 से अधिक पंचायतों में सरपंच और पंच का कार्यकाल पूरा हो चुका था। जिसके प्रदेश में पंचायत चुनाव आयोजित किए जाने थे। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी।
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वहीं पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया था। लगातार चलते रहने के बाद आखिरकार पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि अब मध्य प्रदेश में पंचायत के चुनाव आयोजित किया जा सकेंगे। इसी बीच ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) सहित अन्य मामलों के कारण एक बार फिर से चुनाव टल गया।
वही आदर्श आचार संहिता भी समाप्त की जा चुकी है। जिसके बाद अब पंचायतों में कार्य प्रभावित ना हो। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व सरपंच को ही प्रधान बनाकर उन्हें पंचायत कार्य के अधिकार दिए हैं। इसके लिए प्रशासन के समिति बनाने की व्यवस्था की गई है।
इससे पहले निर्वाचन आयोग द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश के कारण पंचायत चुनाव के लिए तैयार की जाने वाली मतदाता सूची के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। जब परिसीमन का काम पूरा होगा उसके बाद ही अब मतदाता सूची तैयार की जाएगी।