भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां कोरोना काल (corona era) में आम जनता की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) द्वारा लगातार किसानों (farmers) सहित अन्य लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहे हैं। इसके लिए कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इसी बीच किसानों की समस्या को सामने रखते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। जिसमें किसानों के हित के लिए उन्होंने बड़ी मांग के साथ 5 सुझाव दिए हैं।
अपने लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियां बंद है। राज्य सरकार द्वारा ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के माध्यम से किसानों की गेंहूँ की फसल को क्रय किया गया है किन्तु वर्तमान हालातों में सभी किसान अपनी फसल को पंजीयन के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नही बेच पाये है। किसानों की धनिया, सरसों और चने की फसल भी नही बिक पाई है।
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि छोटे किसानों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी खाद, बीज एवं अन्य कृषि संबन्धी आवश्यकताओं के लिये साहूकारों से ऊॅची ब्याज दर पर कर्ज लिया जाता है जो उन्हें फसल आते ही चुकाना होता है। मंडियां बंद होने से अनेक किसान अपनी उपज को बेच नही पा रहे है। जिसके कारण वे साहूकारों से ब्याज पर ली गई राशि चुकाने में असमर्थ है। ऐसी स्थिति में किसानों पर काफी मानसिक दबाव है तथा उन पर साहूकारों का रूपये चुकाने के लिये दबाव और ब्याज बढ़ता जा रहा है जो किसानों के लिये तनाव का कारण है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए।
- जो किसान अपनी रबी की फसल जैसे गेंहू, चना, धनिया अथवा सरसों आदि नही बेच पाये है उनके लिये फसलों को बेचने हेतु कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए व्यवस्था की जाये। इसके लिये सरकार ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसानों की फसल का पंजीयन पुनः प्रारंभ करे तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को उनके गांव/खलिहान से सीधे क्रय की जाये। ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल भी तैयार है तथा उसे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से उनके गाँव/खलिहान से सीधे क्रय की जानी चाहिए। ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट प्लेटफार्म के माध्यम से भी सीधे किसानों से खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
- मंडियाॅं बंद होने के कारण किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान के लिये उन्हे विशेष पेकेज दिया जाना चाहिए ताकि वर्तमान हालात में वे अपना गुजारा कर सके।
- मई का महीना बीतने वाला है तथा किसानों के पास आगामी फसल के लिये अपने खेतों को तैयार करने तथा खाद बीज आदि की व्यवस्था करने के लिये सिर्फ एक महीना बचा है। ऐसी स्थिति में रासायनिक उर्वरक को सहकारी समितियो के माध्यम से सीधे किसानों के घर तक पंहुचाने के लिये ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- बीज और कीटनाशकों की दर निर्धारित की जानी चाहिए एवं अमानक बीज के विक्रय और उसकी कालाबाजारी को रोकने के लिये पहले से ही प्रबंध करना चाहिए। इस ओर ध्यान नही देने पर नकली बीज और कीटनाशकों को धंधा करने वाले लोग भी आपदा में अवसर निकाल लेंगे।
- फल, सब्जी आदि जल्दी खराब हो जाते है इसलिये उन्हें स्टोर करना मुश्किल है। इसलिए उनके लिए छोटी छोटी वैकल्पिक मंडियो की व्यवस्था की जानी चाहिए एवं किसानों के नुकसान की स्थिति में सरकार द्वारा सीधे किसानों को मदद की जानी चाहिए।
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द इन मांगों पर ध्यान देना चाहिए और उसके प्रतिपूर्ति कर कर किसानों को फायदा पहुंचाना चाहिए। जिससे उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।