भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना महामारी (corona pandemic) के समय दिवंगत हुए शासकीय सेवकों (Government servants) के लिए मुख्यमंत्री द्वारा अनुग्रह राशि देने की योजना पर पुनर्विचार की मांग कर्मचारी आयोग (Staff commission) ने की है। दरअसल मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के संरक्षक एवं कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य वीरेंद्र खोंगल (Virendra Khongal) ने प्रदेश में कोरोना महामारी के समय कार्य करते हुए दिवंगत हो रहे शासकीय सेवकों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा लागू की गई अनुग्रह राशि देने की योजना पर पुनर्विचार करने की मांग राज्य शासन से की है। खोंगल ने बताया की जारी आदेशों में अनेक ऐसी व्यवहारिक शर्ते हैं। जिनमें मृतक कर्मचारियों के परिवारों को लाभ मिल पाना मुश्किल है।
वीरेंद्र खोंगल ने बताया कि राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना लागू की गई है। इस योजना में अनेक विसंगतियों के कारण अधिकांश दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत योजना लाभ से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि 4.6 के अंतर्गत शासकीय सेवक के परिवार का कोई भी सदस्य यदि पूर्व में शासकीय सेवा अथवा निगम मंडल परिषद आयोग आदि में नियोजित हो तो अनुकंपा नियुक्ति के लिए अपात्र होगा।
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इसके अलावा नियम 4.8 मुताबिक जिस परिवार को मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा कल्याण योजना के तहत रुपए 50 लाख प्राप्त करने की पात्रता है। उसे भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। खोंगल ने बताया कि 7.3 नियम के मुताबिक अनुकंपा नियुक्ति आरक्षण नियमों का पालन करते हुए दी जाएगी। नियम 7.5 के मुताबिक संख्येतर पद निर्मित करने की अनुमति समिति द्वारा दी जाएगी। समिति में मुख्य सचिव, मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव एडी तथा संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव होंगे।
कर्मचारी कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष सुनील ठाकरे महामंत्री आदर्श शर्मा,सुरेंद्र निगम, हीरा लाल चौकसे एवं तैयब अली ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन भेजकर विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण दिवंगत कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के आदेश को अव्यावहारिक बताया है तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए विसंगति पूर्ण आदेश की कर्मचारी विरोधी शर्तों को हटाए जाने की मांग की है।