लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश सरकार ने कर्मचारी सहित पेंशनर्स (Pensioners) को बड़ी राहत दी है। दरअसल नई पारिवारिक पेंशन -1965 के तहत (family pension) पेंशन में 7 गुना से अधिक की वृद्धि की गई है। जिसका लाभ पेंशनर्स के लाभार्थियों को मिलेगा। दरअसल प्रदेश के अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने इसके लिए शासनादेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार सरकारी सेवा माता-पिता में दोनों की मौत होने पर संतान को दो पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में दोनों पारिवारिक पेंशन का योग पहले 15 हजार रूपए आता था। जिसे बढ़ा दिया गया है। अब इसे बढ़ाकर 1 लाख 12 हजार 500 रूपए प्रतिमाह किया गया है।
दरअसल सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बावजूद पेंशन के दर में भी संशोधन किया गया है। इस संबंध में राज्यपाल ने संशोधन के आदेश दिए थे। इसके तहत पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दर पर अनुज्ञेय की गई हो तो उसका योग 1 लाख 12 हजार 500 रूपए यानी राज्य सरकार के उच्चतम वेतनमान 2 लाख 25 हजार रूपए का 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अलावा शासन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
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इस व्यवस्था के तहत सभी लाभार्थी को दो परिवारिक पेंशन की आज्ञा दी जाएगी। ऐसी स्थिति में दिवंगत सरकारी सेवक की मृत्यु कभी भी हुई हो, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। हालांकि जिन मामले में दो पारिवारिक पेंशन पूर्व में स्वीकृत की गई थी लेकिन किसी कारणवश शासनादेश के जारी होने की तिथि को एक या दोनों पारिवारिक पेंशन बंद हो चुकी है। इन आदेश के उन तहत मामलों को दोबारा नहीं खोला जाएगा। इसके अलावा इस आदेश के तहत किसी भी तरह के एरियर्स का भुगतान नहीं किया जाएगा।
वहीं शासन के आदेश के नियम के तहत अगर दोनों पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दरों पर लाभार्थियों को जारी की गई है तो उसका योग राज्य सरकार के उच्चतम वेतनमान 2 लाख 25 हजार रूपए के 50% यानी 1 लाख 12 हजार 500 रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए वहीं जहां पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई पेंशन स्वीकृत की गई। ऐसी स्थिति में दोनों पारिवारिक पेंशन कई लोग 1 लाख 12 हजार 500 रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए। जबकि तीसरे नियम के तहत दोनों पारिवारिक पेंशन यदि सामान्य दर पर स्वीकृत की गई है तो उसका योग उच्चतम वेतन मान 2 लाख 25 हजार के 30% यानी 67500 रूपए प्रति महीने से अधिक नहीं होना चाहिए।
ज्ञात हो कि 13 जनवरी 2016 को जारी शासनादेश में कहा गया था कि यदि लाभार्थी को दो पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दर पर स्वीकृत की गई हो तो उसका योग 15 हजार रूपए प्रति महीने से अधिक नहीं होना चाहिए। जे पी एल ई लाभार्थी को एक पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दर पर जबकि दूसरी परिवारिक पेंशन सामान्य तौर पर स्वीकृत हुई है तो दोनों पेंशन को 15 हजार रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए। वही दोनों पारिवारिक पेंशन सामान्य दर पर लाभार्थियों को स्वीकृत की गई है तो उनका योग 9 हजार रूपए प्रति महीने से अधिक ना हो। हालांकि अब इसमें संशोधन किया गया है। जिसका लाभ लाखों पेंशनर्स को होगा।