भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछले एक महीने या उससे अधिक समय में मध्य प्रदेश (MP) में टीकाकरण (vaccination) की गति धीमी हुई है। इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन लोगों को टीकाकरण केंद्रों पर जाने के लिए प्रेरित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए अब प्रशासन ने महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किये हैं।
टीकाकरण की आवश्यकता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए राज्य स्तर पर उचित मूल्य की दुकानों एवं अन्य सहकारी संस्थाओं को जोड़ा गया है। कुछ जिलों में जहां राशन की दुकानें लोगों को रियायती दरों पर राशन का लाभ प्राप्त करने के लिए टीका लगवाने के लिए कह रही हैं। वहीं अन्य में होटलों में प्रवेश और दूध की डिलीवरी रोक दी जा रही है।
राज्य में 1 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच केवल 1.11 करोड़ वैक्सीन डोज ही दी गईं। यह औसतन प्रतिदिन केवल 2.6 लाख खुराक है लेकिन वर्ष के अंत तक पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए कम से कम प्रतिदिन 5.5 लाख से अधिक खुराक की आवश्यकता होती है। इस अवधि की तुलना में अकेले सितंबर माह में ही राज्य में वैक्सीन की 1.7 करोड़ खुराकें दी गईं, जो औसतन प्रतिदिन लगभग 5.7 लाख खुराकें हैं। वर्ष के अंत तक पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अब राज्य में अभियान चलाया गया है और कई उपाय किए जा रहे हैं।
राज्य में 1.15 करोड़ परिवारों के 4.9 करोड़ लोग सार्वजनिक वितरण योजना से जुड़े हुए हैं। राज्य में टीकाकरण में तेजी लाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आठ नवंबर को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया है कि राज्य की सभी उचित मूल्य की दुकानें टीकाकरण के लिए आवश्यक निर्देश प्रदर्शित करेंगी, क्योंकि राशन कार्डों में परिवार के सदस्यों का रिकॉर्ड है।
उचित मूल्य की दुकानें उन लोगों से भी पूछताछ करेंगी। वहीँ जिनका पहली या दूसरी खुराक के साथ टीकाकरण नहीं हुआ है। उन्हें आस-पास के अस्पतालों को सूचित करेंगे। आदेश में यह भी कहा गया है उचित मूल्य की दुकान के मालिक लोगों को जागरूक करेंगे कि राशन लेने के लिए पूरी तरह से टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा।