भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में विवाह सहायता योजना (marriage assistance scheme) की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया। जिला के 10 जनपद में इस योजना के तहत शादियों की पड़ताल की जा रही है। वहीं विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों (collectors) को इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए है। इसके अलावा विवाह के डाटा और ब्यौरा भेजकर सभी जिला कलेक्टरों को जांच कराने के निर्देश दिए है।
बता दे कि विवाह सहायता योजना में भारी गड़बड़ी और संदेहास्पद विवाह की पोल खोलने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं सिरोंज में छह हजार के करीब विवाह की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है। वही माना जा रहा है कि इसमें से आधे से अधिक विवाह संदेहास्पद है। इसी बीच कई जनपद में जांच के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
दरअसल पूर्व के वर्षो की तुलना में 2021-22 में विवाह की संख्या 3 गुना तक बढ़ गई है। वही कलेक्टर द्वारा कई जिलों की जानकारी भेज दी गई है। निवाड़ी की रिपोर्ट में कहा गया है कि विवाह में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई है। जिस पर श्रम विभाग ने प्रतीकात्मक जांच की वजह पड़ताल जांच के निर्देश दिए हैं। आंकड़ों की बात करें तो सिंगरौली चितरंगी जनपद में 2019 विश्व में कुल 2233 विवाह हुए थे। वहीं 2020-21 में यह आंकड़ा 1129 था जबकि 21-22 में आंकड़ा बढ़कर 3052 पहुंच गया था।
वही मुरैना के कैलारस जनपद में भी आंकड़ों की बात करें तो 2019 में 1236 विवाह आयोजन हुए थे जबकि 20-21 में 1206 वहीं एक ही देश में यह आंकड़ा अट्ठारह सौ के पर देखने को मिला था। उमरिया जिले में भी करकेली में 2019-20 में 469 विवाह आयोजन हुए थे जबकि 20-21 में आंकड़ा 436 वहीं वर्ष 21-22 की बात करें तो आंकड़ा बढ़कर 1587 हो गया था। भिंड बालाघाट निवाड़ी और मुरैना में भी विवाह आयोजन में 2021-22 में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसके बाद विभाग ने सभी कलेक्टरों को पड़ताली जांच के निर्देश दे दिए हैं।
ज्ञात हो कि 10 पंचायत में हुई शादियों में 51000 के हिसाब से करीब ₹158 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की जा रही है 21 तारीख से इसकी शुरुआत की जाएगी। वहीं अब लाभार्थियों को ₹55000 का लाभ दिया जाएगा। जिसमें गृहस्ती सामान, राशि चेक सहित अन्य व्यवस्थाओं पर सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे।
बता दें कि इस योजना का लाभ मध्य प्रदेश सरकार के गरीब जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 18 से ज्यादा उम्र की कन्याओं को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का मूल निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। इसके साथ ही कन्या को आर्थिक सहायता सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होकर विवाह करने पर ही उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना का लाभ लेने के लिए कन्या की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए जबकि दूल्हे की उम्र भी 21 वर्ष से अधिक होने अनिवार्य है। गरीब परिवार से जुड़ी सामान्य सहित अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग की बेटियां योजना का लाभ उठा सकती हैं। इस योजना के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही इस योजना का लाभ विधवा और तलाकशुदा महिलाएं भी उठा सकती हैं। वह भी इसकी पात्रता रखते हैं।