मुरैना, संजय दीक्षित। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने एक बार फिर बता दिया है कि लोग उन्हें ऐसे ही महाराज नहीं कहते। सुरक्षा में चूक के चलते निलंबित (suspend) हुए 9 पुलिसकर्मियों को सिंधिया (scindia) के प्रयासों से बहाल कर दिया गया है। इन्हें 21 जून को निलंबित किया गया था।
तत्कालीन राज्य सभा सदस्य और अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 20 जून को जब नई दिल्ली से ग्वालियर (New delhi to gwalior) जा रहे थे। तब मुरैना (morena) जिले सीमा से ग्वालियर जिले की सीमा तक उन्हें पायलटिंग व फॉलो गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थी। इसकी वजह सिंधिया (scindia) को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त होना है जिस श्रेणी के व्यक्ति को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन सिंधिया जिस गाड़ी में थे उस गाड़ी की गति काफी तेज थी जिसकी वजह से मुरैना जिले से उपलब्ध कराई गयी फॉलो व पायलटिंग गाड़ियां पिछड़ गई और किसी अन्य गाड़ी के पीछे चली गई।
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यह मामला मीडिया में खूब उछला और कहा गया कि सिंधिया की सुरक्षा में चूक हुई है। दरअसल इसके पहले भी ग्वालियर मे गोला के मंदिर चौराहे के पास कांग्रेस के नेताओं ने सिंधिया की गाड़ी को रोककर नारेबाजी की थी जिसे लेकर भी काफी सवाल उठे थे। इसलिये मुरैना का मामला मीडिया में आने के बाद 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। इन पुलिसकर्मियो में एक SI, एक ASI, एक हेड कांस्टेबल समेत दो ड्राइवर और चार कांस्टेबल शामिल थे।
पुलिस कर्मियों के निलंबित होने की जानकारी सिंधिया को मुरैना के पूर्व विधायक रघुराज कंसाना के माध्यम से मिली। कंसाना ने सिंधिया को बताया कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है उनकी कोई गलती नहीं। रफ्तार की वजह से वह गाड़ी को नहीं पहचान पाए। सूत्रों की मानें तो सिंधिया ने इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों से बात कर पुलिसकर्मियों को निलंबन से बहाल करने का आग्रह किया और इसके बाद पुलिस अधीक्षक मुरैना ललित शाक्यवार ने इन सभी पुलिसकर्मियों को मंगलवार को बहाल करने के आदेश जारी कर दिए। सिंधिया की इस दरियादिली की ग्वालियर चंबल संभाग विशेषकर पुलिस विभाग में जमकर तारीफ हो रही है।