केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025 के नतीजों ने राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। राजधानी तिरुवनंतपुरम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वहीं, पलक्कड़ नगरपालिका में भी भाजपा ने अपनी सत्ता बरकरार रखी है। इन नतीजों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केरल की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF और वामपंथी LDF से तंग आ चुके हैं।
“केरल के लोगों का मेरा आभार, जिन्होंने राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और एनडीए के उम्मीदवारों को वोट दिया। केरल यूडीएफ और एलडीएफ से तंग आ चुका है। वे एनडीए को एकमात्र विकल्प के रूप में देखते हैं जो सुशासन दे सकता है और सभी के लिए अवसरों के साथ एक #VikasitaKeralam (विकसित केरल) का निर्माण कर सकता है।” — नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
तिरुवनंतपुरम में सीपीएम को झटका
ताजा अपडेट्स के अनुसार, तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्डों में से 49 पर बढ़त बनाकर NDA बहुमत के करीब पहुंच गया है, जहां बहुमत का आंकड़ा 51 है। यह परिणाम वामपंथी दलों (CPM) के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दूसरी ओर, कोझिकोड नगर निगम में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां LDF 29 वार्डों में और UDF 25 वार्डों में आगे चल रही है।
कोच्चि और त्रिशूर में कांग्रेस की वापसी
राज्य के अन्य हिस्सों में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने कोच्चि और त्रिशूर नगर निगम में जीत हासिल की है। कोल्लम नगर निगम, जो पिछले 25 वर्षों से LDF का गढ़ माना जाता था, वहां वामपंथी मोर्चे को सत्ता गंवानी पड़ी है। यह LDF के लिए एक बड़ी रणनीतिक हार मानी जा रही है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बंटा हुआ जनादेश
राज्य के 1,199 स्थानीय निकायों के लिए मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे शुरू हुई थी। शुरुआती रुझानों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्पष्ट विभाजन दिखाई दिया। जहां UDF कई नगर पालिकाओं और निगमों में आगे रहा, वहीं LDF ने कई ग्राम और ब्लॉक पंचायतों में बढ़त बनाए रखी।
नगर पालिकाओं के रुझानों में UDF ने 48 सीटों पर बढ़त बनाकर आरामदायक स्थिति हासिल की, जबकि LDF 30 सीटों पर आगे रहा। एर्नाकुलम निगम में भी UDF ने 44 वार्डों में बढ़त के साथ अपनी पकड़ मजबूत रखी।
1995 के बाद सबसे ज्यादा मतदान
इन चुनावों की एक और खास बात रिकॉर्ड तोड़ मतदान रहा। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, 1995 के बाद पहली बार स्थानीय निकाय चुनावों में इतना अधिक मतदान हुआ है। कुल मतदान प्रतिशत 73.69 रहा। दो चरणों में हुए चुनाव के दूसरे चरण में 76.08 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि पहले चरण में यह आंकड़ा 70.91 प्रतिशत था।
2026 विधानसभा चुनाव के लिए संकेत
राजनीतिक विश्लेषक इन नतीजों को 2026 में होने वाले केरल विधानसभा चुनावों के लिए बेहद अहम मान रहे हैं। यह परिणाम राजनीतिक दलों की भविष्य की रणनीति तय करेंगे। नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों और नगर पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा, जबकि निगम पार्षदों का शपथ ग्रहण उसी दिन सुबह 11 बजे होगा।
My gratitude to the people across Kerala who voted for BJP and NDA candidates in the local body polls in the state. Kerala is fed up of UDF and LDF. They see NDA as the only option that can deliver on good governance and build a #VikasitaKeralam with opportunities for all.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 13, 2025





