भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में जरूरतमंदों और अन्य हितग्राही लाभार्थियों (beneficiaries) को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इस बीच बढ़ती महंगाई में मध्य प्रदेश सरकार ने गरीब आम जनता के लिए पिटारा खोल दिया है। दरअसल टैक्स के जरिए साल भर में अर्जित राशि का 28% हिस्सा शिवराज सरकार ने जन हितैषी योजनाओं में खर्च किया है। किसानों को देने वाली सब्सिडी राशि (subsidy) से लेकर अन्य जरूरतमंदों को बांटे जाने वाली सब्सिडी में मध्य प्रदेश अव्वल रहा है। दरअसल देशभर के टॉप 3 राज्यों में मध्यप्रदेश ने अपनी जगह निश्चित की है।
बता दे कि टैक्स से सब्सिडी देने वाले में सबसे पहले पंजाब 45.4% के साथ टॉप पर बना हुआ है। इसके बाद आंध्रप्रदेश ने अपने आय से 30.3% राशि सब्सिडी के तौर पर खर्च की है। जबकि तीसरा स्थान मध्य प्रदेश का है। मध्य प्रदेश सरकार ने साल भर में अर्जित राशि का 28.8% हिस्सा कल्याणकारी योजनाओं और आम जनता की जरूरत और सब्सिडी को पूरा करने में खर्च किया है। रिजर्व बैंक के एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। राज्यों के बजट पर आधारित इस रिपोर्ट में सब्सिडी पर खर्च किए जाने वाली राशि का जिक्र किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार का बजट इस वर्ष 2.79 लाख करोड़ों रुपए का है। जिसका करीब एक तिहाई हिस्सा सरकार सब्सिडी के नाम खर्च करने जा रही है।
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आंकड़ों की माने तो बजट पेश होने के बाद 6800 करोड़ रुपए के बिजली बिल शिवराज सरकार द्वारा माफ किए गए हैं। वहीं अन्य शासकीय योजनाओं में प्रदेश सरकार ने 21000 करोड़ रुपए जनता के बीच मुफ्त की योजनाओं में खर्च किए हैं। रिपोर्ट में राशि के आधार पर आंध्र प्रदेश में 27541 करोड की सब्सिडी दी है जबकि 21 हजार करोड़ के साथ मध्य प्रदेश दूसरे और 17 हजार करोड़ की सब्सिडी के साथ तीसरे स्थान पर है। हालांकि पंजाब सरकार ने राशि के अलावा भी कई योजनाओं के तहत हितग्राहियों के कई बकाए को माफ किया है।
शिवराज सरकार द्वारा लगातार गरीब किसान और अन्य वर्गों के बीच सब्सिडी की राशि खर्च की जा रही है। घरेलू बिजली उपभोक्ता के अलावा उच्च शिक्षा, किसान, उपभोक्ता सहित स्कॉलरशिप और विभिन्न योजनाओं पर शिवराज सरकार ने सबसे अधिक राशि खर्च की है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं के 22500 करोड की सब्सिडी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही है। जबकि कर्ज और ब्याज पर शिवराज सरकार द्वारा 20 हजार करोड रूपए खर्च किए जा रहे हैं वही 90 हज़ार करोड़ रुपए की राशि वेतन भत्ते और पेंशन पर खर्च की जा रही है।
2011-12 में सरकार वेतन भत्ते पर 22.86 फीसद राशि खर्च करती थी लेकिन 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 28.93% हो गया है। इस तरह शासकीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन सहित कर्ज के ब्याज पर 2011-12 में जहां सरकार 41.07 फीसद की राशि को खर्च करती थी। वही 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़कर 51.90 फीसद पहुंच गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने अपने हितग्राहियों को सबसे अधिक राशि खर्च करने के साथ ही जरूरतमंदों को सब्सिडी बांटने में टॉप 3 में अपनी जगह सुनिश्चित की है। वही शिवराज सरकार द्वारा लगातार हितग्राहियों को सुनिश्चित किया जाता है कि मध्यप्रदेश में जरूरतमंद और हितग्राहियों के लिए राशि की कोई कमी नहीं है। अब सरकार ने अपनी योजनाओं में इस बात को स्पष्ट किया है।