भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारी(MP Negligence Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच में बड़ी कार्रवाई श्योपुर (Sheopur) जिले में की गई है। जहां एसडीएम लोकेंद्र सरल ने विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान छात्र कम पाए जाने पर और शिक्षण के प्रति उदासीनता बरतने पर 2 प्रभारी प्राचार्य सहित दो जन शिक्षक और शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस (Notice) जारी कर दिया गया। वहीं माध्यमिक शिक्षक राम लखन मीणा और 2 अन्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) करने के आदेश जारी किए गए हैं।
इसके अलावा एक अन्य कार्रवाई सागर जिले में की गई। जहां टीकाकरण अभियान में लापरवाही बरतने पर कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने जिला टीकाकरण अधिकारी आर.एस. रोशन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि एक ही सिरिंज से कई बच्चों को टीकाकरण करने के मामले में उन पर यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले कार्य में लापरवाही बरतने और एक ही चीज से रिंच से 40 स्कूली बच्चे को टीका लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया था जिसके बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई हुई है।
इसके अलावा एक अन्य कार्यवाही शिवपुरी में की गई है। जहां अभिनेता रणवीर सिंह की न्यूड फोटो शूट मामले में शिवपुरी के अभिभाषक ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस जारी करते हुए वकील ने कहा कि यदि रणवीर सिंह ने 15 दिन में सार्वजनिक रूप से इसके लिए माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाए जाएंगे।
इसके अलावा एक अन्य कार्रवाई मुरैना में की गई है। मुरैना के अंबाह में थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल मुरैना जिले में पुलिस प्रशासन ने किशोरी के अपहरण की घटना के मामले में थाना प्रभारी को निलंबित किया है। पुलिस अधीक्षक आशुतोष ने 3 महीने पूर्व अपहृत किशोरी को बरामद करने में असफल रहे थाना प्रभारी रविंद्र कुमार को कल देर रात सत्कार प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दे दिए हैं।
वहीं एक अन्य कार्रवाई इंदौर जिले में की गई है। जहां एमजीएम कॉलेज में रैगिंग कांड को लेकर 98 जूनियर को नोटिस जारी कर दिया है। वहीं जांच में जुटी पुलिस साइबर एक्सपर्ट की मदद भी ले रही है। ऑडियो रिकॉर्डिंग चैटिंग लोकेशन की जांच की जा रही है। बता दें कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पहले वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी ने इस केस पर लगातार जांच जारी रखी है।
वहीं बीते दिनों पुलिस कॉलेज पहुंची। जहां लोगों से पूछताछ की गई थी। इस मामले में अब तक 700 जूनियर डॉक्टर की लिस्ट सौंपी गई थी। जिनमें से 98 जूनियर डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही उन्हें थाने में आकर बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले छात्रों का कहना था कि सीनियर उन्हें दो-तीन महीने से प्रताड़ित कर रहे हैं और अलग-अलग फ्लैट में बुलाकर उन पर अप्राकृतिक कृत्य का दबाव बनाते हैं।