भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government)) बड़ी तैयारी में है। विकास कार्य के तहत नदियों के पानी को निर्मल करने की कवायद शुरू हो गई है। शहरी इलाके में निकलने वाले गंदे पानी यानी सीवरेज (sewerage) के लिए 400 से अधिक नगर निकाय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (MP Sewerage treatment plant) लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार उन नदियों को बचाने की तैयारी में है, जो नर्मदा सहित अन्य नदियों की सहायक और जल स्रोत नदियां हैं।
वही नई तैयारी के तहत 413 निकाय में 1800 एमएलडी क्षमता वाली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किए जाएंगे। यह पूरी तैयारी मध्य प्रदेश में नदियों के पानी को स्वच्छ और निर्मल करने के लिए सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर निकाय के मल जल को शुद्ध करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट पर काम करना शुरू कर दिया है। वहीं दिसंबर 2023 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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2023 में 150 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब ऐसे में सभी निकाय में जल को शुद्ध करने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम करना शुरू किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में 22 नदियां प्रदूषित हो गई है, अवैध खनन तो कहीं शहरी गंदगी की वजह से नदियों के पानी पर लगातार प्रभाव पड़ रहा है। इनके संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। 2 साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मध्य प्रदेश की नदियों की रिपोर्ट दी थी। जिसमें 22 नदियों में व्यापक प्रदूषण बताया गया था। इसमें नर्मदा के अलावा बेतवा, ताप्ती, बिछिया और टमस को भी शामिल किया गया था।
जिसके बाद सरकार की तरफ से सभी नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। समय सीमा में काम हो, इसके लिए निकाय में देरी होने पर कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन निकाय को प्राथमिकता दी जाएगी, जो नदी के किनारे स्थापित हो। वहां सबसे पहले मल जल और सीवरेज के गंदे पानी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम शुरू किया जाएगा।
वहीं सरकार ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि भोपाल इंदौर सहित प्रदेश के 12 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किए जा चुके हैं जबकि 95 फीसद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी एक्टिव अवस्था में है। नर्मदा के किनारे बसे नगरी निकाय में 80 फीसद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जल्द शुरू की जाएगी। वही नर्मदा पूरा में नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 171 करोड के सीवरेज प्लांट का काम भी शुरू किया जा सकता है।