मध्य प्रदेश (MP) के पुलिस कमिश्नर व्यवस्था (police-commissioner system) की शुरुआत की जा चुकी है। राजधानी भोपाल सहित इंदौर में यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। वही भोपाल पुलिस कमिश्नर ने न्यायिक कार्य का विभाजन कर दिया है। जिसके बाद अब शहर में दो एसीपी मौजूद रहेंगे। इसके लिए आए आदेश के मुताबिक डीसीपी 1 (एसपी) और डीसीपी 2 के क्षेत्र में आने वाले सभी थानों के आईपीसी धारा 107, 116 सीआरपीसी के प्रकरण की सुनवाई एसीपी (न्यायिक कार्य 1) करेंगे। इसके लिए दोनों एसीपी की कोर्ट पुलिस मुख्यालय के सामने SAF मुख्यालय में बनाई जा रही है।
दरअसल जोन 1 में टीटी नगर कमला नगर जहांगीराबाद ऐशबाग हबीबगंज शाहपुरा अशोका गार्डन और रातीबड़ थाने को शामिल किया गया है। वही जोन 2 में गोविंदपुरा, एमपी नगर, अरेरा हिल्स, अयोध्या नगर, मिसरोद, कटारा, अवधपुरी, पिपलानी थाने को जगह दी गई है।
जोन 3 में कोतवाली तिलैया, शाहजहानाबाद, कोहेफिजा, हनुमानगंज, मंगलवारा, गौतम नगर और श्यामला हिल्स थाने को शामिल किया गया है। जबकि जोन चार में निशांत पूरा, गांधी नगर, बैरागढ़, खजूरी, कोलार, चुनाभट्टी, महिला थाना, ट्रैफिक क्राइम ब्रांच थाने को शामिल किया।
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वहीं पुलिस कमिश्नर व्यवस्था के तहत जिन धाराओं की सुनवाई की जाएगी। उसमें धारा 107 यानी किसी व्यक्ति द्वारा शांति भंग करना, धारा 116 अपराध के लिए उकसाने का काम करने वालों के खिलाफ सुनवाई, वही धारा 108 में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने के साथ-साथ धारा 110 में अपराध को आदत बना देना जैसे सुनवाई की जाएगी।
वही डीसीपी-3, डीसीपी-4 के क्षेत्र में आने वाले सभी थानों में दंड संहिता की धारा 107, 116 सीआरपीसी के प्रकरण की सुनवाई एसीपी 2 करेंगे। वहीं धारा 108 से 110 के जुने के प्रकरण की सुनवाई एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर जोन 2 करेंगे। जोन 2 के प्रकरण की सुनवाई एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर जोन 3 करेंगे। दरअसल राजधानी भोपाल में मजिस्ट्रेट अधिकारों का विभाजन राजधानी दिल्ली की तर्ज पर किया गया है।
राजधानी दिल्ली में 1 जोन के अधिकारी को दूसरे जोन के प्रकरण की सुनवाई के अधिकार दिए गए हैं। ऐसे ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जोन 3 के प्रकरणों को एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर जोन 4 जबकि जोन 4 के प्रकरण की सुनवाई एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर जोन 1 करेंगे।