भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए अब निजी MP College- विश्वविद्यालय (university) पर भी जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में सभी कॉलेजों को NAAC ग्रेडिंग (NAAC Grading) अनिवार्य की जाएगी। इस संबंध में जल्द गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसकी जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Mohan yadav) द्वारा विभागीय गतिविधि की समीक्षा बैठक में दी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि NAAC द्वारा निर्धारित दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीँ जिन निजी महाविद्यालय-विश्वविद्यालय ने एक शैक्षणिक वर्ष पूरे कर लिए हैं। उन्हें प्रोविजनल मान्यता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की पात्रता होगी। इसके साथ ही जिन महाविद्यालय विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वर्ष में 6 वर्ष पूरे किए हैं वह NAAC की प्रमाणिकता के आवेदन के लिए पात्र हो जाएंगे। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस मामले में जल्द सीएम शिवराज (CM Shivraj)-युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसे शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के मद्देनजर अब निजी महाविद्यालय विश्वविद्यालय को भी नेक ग्रेडिंग अनिवार्य की जाएगी।
इतना ही नहीं मार्च में होने वाली सभी परीक्षाओं पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विशेष टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति अपनी तैयारी पूरी रखें। सेमेस्टर परीक्षाओं को सफलतापूर्वक ऑफलाइन आयोजित कराने पर भी उन्होंने सभी को बधाई दी। मोहन यादव ने कहा कि पिछले 2 साल से कोरोना के कारण प्रदेश में ऑफलाइन परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी। ऑनलाइन परीक्षा के कारण शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना असफल हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन अनिवार्य है। इसके साथ ही मार्च महीने में होने वाली परीक्षाओं के लिए उन्होंने पूर्ण तैयारी करने के निर्देश विश्वविद्यालय के कुलपति को दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए शासकों ने परीक्षा संचालित करने के लिए अपनी तैयारी पूरी रखी जाए। वही शासकीय और निजी महाविद्यालय के सेंटर में भी बदलाव करें। परीक्षाओं में पारदर्शिता बरती जाए। परीक्षा के दौरान महाविद्यालय के निरीक्षकों की व्यवस्था के प्रबंध किए जाएं।
विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि अब शैक्षणिक परिसर में कृषि को प्रमुखता से शुरू करना होगा। जिसमें जैविक खेती बागवानी सहित अन्य पाठ्यक्रमों को जोड़ा जाना आवश्यक किया जाएगा। इसके साथ ही 75 हजार के करीब विद्यार्थी इस वर्ष जैविक खेती विषय चुना है। जिसकी जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव निधि यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के कृषि तकनीक का इस्तेमाल कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कल्पना को नए आयाम देंगे।