भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव (MP Election) संपन्न हो गया है। पंचायत और निकाय चुनाव में बीजेपी (BJP) ने बहुमत के साथ भारी जीत हासिल की। इसी बीच एक बार फिर से आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी है। बता दे कि आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) को देखते हुए शिवराज सरकार द्वारा मिशन कर्मचारी (Mission karmchari) मुद्दे पर बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। हाल के दिनों में कर्मचारियों (Employees) के डीए में वृद्धि (DA Hike) की गई है।
वहीं पेंशनर्स के पेंशन (Pensioners Pension) में भी पड़ोसी राज्य से मंजूरी मिलने के बाद आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसी बीच व्यापक पैमाने पर जहां शिक्षक सहित अन्य परीक्षाओं के तहत भर्ती प्रक्रिया (Teacher recruitment) का आयोजन किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ डेढ़ लाख शिक्षकों को क्रमोन्नति (promotion) देने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बीते दिनों शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी थी। दरअसल उनके डीए में 3 फीसद की वृद्धि की घोषणा की गई थी। जिसके बाद कर्मचारियों के डीए बढ़कर केंद्र के समान 34% पर पहुंच गए हैं। इसके अलावा पेंशनर से बढ़े हुए 5 फीसद पर पड़ोसी राज्य से मंजूरी मिलने के बाद शिवराज सरकार ने इसकी भी आदेश जारी कर दिए हैं।
वहीं मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को 22 फ़ीसदी DR का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके साथ शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर भी शिवराज सरकार ने तेजी दिखाई है। मध्यप्रदेश में व्यापक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। शिक्षक भर्ती के लिए ताबड़तोड़ तैयारियां शुरू कर दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय सहमति बनने के बाद शिवराज सरकार माध्यमिक शिक्षक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती करेगी। कुल 15000 से 17000 पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। इसके लिए पात्रता परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा के लिए MPPEB को डिमांड भेजी गई है।
वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में जल्दी कर्मचारियों के प्रमोशन पर लगी रोक को हटाया जा सकता है। इसके लिए भी शिवराज सरकार द्वारा काम में तेजी दिखाई जा रही है। सरकार प्रक्रिया शुरू कर बीच का रास्ता निकाल रही है। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पदोन्नति नियम 2022 तैयार किया गया। जिसमें प्रमोशन मेरिट कम सीनियरिटी के आधार पर किया जाएगा। इसे अप्रूवल के लिए वित्त विभाग के पास भेज दिया गया है। वहीं वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के साथ ही जल्दी से कैबिनेट में पेश किया जाएगा। कैबिनेट में मंजूरी मिलने के साथ ही कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें कि बीते 6 साल से कर्मचारी लगातार प्रदेश में प्रमोशन की राह देख रहे हैं। वहीं यदि इस पर लगी रोक हटती है तो प्रदेश के साढ़े 3 लाख कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिलेगा।
इसके अलावा शिक्षकों के लिए अलग तबादला नीति को भी मंजूरी दी गई है। जिससे शिक्षकों के तबादले को लेकर उठ रही सारी परेशानियों का निराकरण किया जाएगा। बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में नई टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिसमें प्रभारी मंत्रियों की भूमिका को खत्म किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संवर्ग के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया के बीच आने वाली समस्याओं के निराकरण का भी रास्ता ढूंढा गया है। साथ ही मध्य प्रदेश में 2,86,471 शिक्षक कार्यरत है। इनमें से डेढ़ लाख शिक्षकों को प्रोन्नति देने की तैयारी भी प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है। सरकार द्वारा की प्रक्रिया तेज की गई है। जिसका लाभ शिक्षकों को मिलने के आसार नजर आ रहे हैं।
जबकि संविदा कर्मचारी की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर संविदा कर्मचारी आज तिरंगा यात्रा निकालेंगे। बता दे कि मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारी द्वारा नारा संविदा से चाहिए आजादी दिया गया है। इसके तहत आज बुधवार को तिरंगा यात्रा निकाल कर सरकार से कर्मचारी नियमितीकरण की मांग करेंगे। संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि कर्मचारी के शोषण के खिलाफ तिरंगा यात्रा निकाला जा रहा है। उनकी मांग है कि शिक्षा विभाग के सभी खाली पद भरे जाएं। वहीं 1,40,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। साथ ही पंचायत कर्मियों की वेतन वृद्धि हो इन मांगों पर सरकार को जल्द से जल्द विचार करना चाहिए।
जबकि दूसरी तरफ देशभर में जहां 8वीं वेतन आयोग को लेकर चर्चा तेज है। वही मध्य प्रदेश में 13 निगम मंडल अकादमी सहकारी संस्था और परिषद में कार्यरत कर्मचारियों की स्थिति बिल्कुल ही भिन्न है। इन क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को अभी भी चौथे पांचवें और सातवें वेतनमान का लाभ ही उपलब्ध कराया जा रहा है। वही इन क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने इनके लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
मामले में सेमी गवर्नमेंट एंप्लॉय फेडरेशन अध्यक्ष अनिल वाजपेई का कहना है कि इन क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी के हित में सरकार को नए सिरे से नीति निर्देश जारी करने होंगे। इन क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों में भी लगातार वेतनमान और वेतन वृद्धि को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। अब ऐसी स्थिति में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार कर्मचारियों के हित में कई अन्य बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। हालांकि इससे किन अधिकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, यह तो समय ही बताएगा लेकिन एक बार फिर से शिवराज सरकार ने मिशन कर्मचारी अभियान शुरू कर दिया है।