जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) पद पर भर्ती पर एक बार फिर से रोक लगा दी गई है। दरअसल हाईकोर्ट (high court) ने अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज (medical college) के बायोकेमेस्ट्री विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है। इस मामले में फैसला अगली सुनवाई के बाद लिया जाएगा। वही अगली सुनवाई 28 जून को निर्धारित की गई है। बता दे कि डॉ सूर्य तिवारी ने इस मामले में याचिका दायर की थी।
जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रतीक्षा सूची में नाम नहीं होने के बावजूद डॉक्टर शुभांगी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति दी गई है। जिसके बाद सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए के प्रमुख सचिव डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन सहित भोपाल के आयुक्त सह कॉलेज के ओएसडी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आदित्य संघी ने अपना पक्ष रखा।
जिसमें दलील देते हुए उन्होंने कहा कि सूर्य तिवारी वर्तमान में भोपाल में एक निजी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। विदिषा कॉलेज के डीन ने 15 फरवरी को चयन सूची जारी की। जिसमें याचिकाकर्ता का चयन हो गया है। वहीं वेटिंग लिस्ट में पहला नाम दीपा गुप्ता सहित दूसरा भगवान एस मीणा कथा इस मामले में 4 मई को तीन नामों को दरकिनार करते हुए डॉक्टर शुभांगी को नियुक्ति दी गई है। जबकि उनका नाम वेटिंग लिस्ट में नहीं था।
इस मामले में नियमानुसार कॉलेज के प्रभारी Dean जॉइनिंग लेटर जारी करते हैं। तर्क दिया गया है कि वह किसी अपने को उपकृत करना चाहते थे। इसलिए याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नहीं दी गई है। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 1 अप्रैल को ओएसडी को 15 दिन में आदेश पारित करने को कहा था जबकि हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किया गया है। जिस पर अब हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग सहित ओएसडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।