भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाही पर अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) ने लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ जिला कलेक्टरों को फ्री हैंड दिया गया है। इस बीच लापरवाही करने वाले 6 पटवारी को बर्खास्त किया जाएगा।
दरअसल कलेक्टर शीलेंद्र सिंह द्वारा महाराजपुर तहसील में अभिलेख सुधार को लेकर पटवारियों की बैठक ली गई थी। इस मामले में ढंग से काम ना करने वालों के खिलाफ नोटिस जारी किया था। महाराजपुर तहसील में बुधवार को अभिलेख सुधार पखवाड़े के संबंध में आ रही और पटवारी अभिलेख सुधार कार्यों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान अभिलेख सुधारने में अपेक्षा अनुसार काम ना करने पर 6 पटवारी को नोटिस जारी किए गए थे।
मामले में प्रगति असाटी खीरी, छाया ओमरे, रश्मि सूर्यवंशी, विकास साहू, जितेंद्र सिंह, श्याम सुंदर सोनकिया को नोटिस जारी किया गया है। सभी पटवारी को 31 अक्टूबर तक अभिलेख सुधार पखवाड़े का काम सही ढंग से पुरा ना करने के आरोप में बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं।
भिंड
भिंड में कलेक्टर सतीश कुमार द्वारा अंचल के निरीक्षण की कार्रवाई की गई। इस दौरान कलेक्टर सतीश कुमार एस ने 3 स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कार्य में लापरवाही करने पर कलेक्टर ने 2 ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित करने के भी आदेश जारी किए हैं।
स्कूल के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सतीश कुमार द्वारा सचिवों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर सतीश कुमार, जिला पंचायत सीईओ एसडीएम शुभम शर्मा द्वारा स्वास्थ केंद्र का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 5 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए नियमों को निर्देशित किया गया है। वही पटवारी मनीष नरवरिया को निलंबित करते हुए कहा गया कि पटवारी शासकीय कार्य में रूचि नहीं लेते हैं। साथ ही मुआवजा बांटने में रुचि न लेने के कारण पटवारी पर यह कार्रवाई की जा रही है।
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दतिया
इसके अलावा दतिया के सेवड़ा ब्लॉक में खसरा खतौनी सुधार करने के लिए किसान ने रिश्वत दी थी। रिश्वत की राशि देने के बावजूद द्वारा किसान का काम नहीं किया गया है। जिस पर अब कलेक्टर ने खुद पटवारी से बात की और इससे मामले की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
जानकारी के मुताबिक किसान से उसके काम करवाने की एवज में 18000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। वही रिश्वत लेने के बावजूद संबंधित काव्य में सुधार नहीं किया गया। जिसके बाद कार्रवाई के दौरान पटवारी को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं।