जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के सभी जिला न्यायालय (District court) में स्टेनोग्राफर सहायक ग्रेड 3 की भर्ती प्रक्रिया (Stenographer-Assistant Grade 3 Recruitment) आयोजित की जा रही है। इसके बीच जारी रिजल्ट सूची में आरक्षण का मामला विवाद में आ गया। ओबीसी आरक्षण विवाद होने पर मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। जिसमें प्रारंभिक परीक्षा के सेलेक्शन लिस्ट के लिए अब हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है।
हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा के सिलेक्शन लिस्ट के प्रस्तुत याचिका को डिसीजन के अधीन कर दिया है यानी कि ओबीसी उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किया गया दावा यदि सही पाया जाता है तो रिजल्ट सूची में बदलाव देखने को मिलेगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो पहले की भांति ही चयन सूची जारी की जाएगी।
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इतना ही नहीं उच्च न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया के दूसरे चरण में याचिका प्रस्तुत करने वाले सभी उम्मीदवारों को शामिल किया जाए। बता दें कि पांच उम्मीदवारों द्वारा याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील देते हुए हाईकोर्ट में कहा कि स्टेनोग्राफर-सहायक ग्रेड 3 के सैकड़ों पदों की भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण के परिणाम घोषित किए गए हैं
परिणाम में कम्युनल आरक्षण को लागू किया गया है। जिसके साथ ही उम्मीदवारों की मांग है कि आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को अनारक्षित वर्ग में स्थान नहीं दिया गया है। जो कि गलत और असंवैधानिक है। इसके लिए वर्गवार मेरिट लिस्ट तैयार की गई है और मेरिटोरियस छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
जारी याचिका में कहा गया है कि 77 अंक हासिल करने वाले सामान्य छात्र को चयनित किया गया है। OBC याचिकाकर्ता द्वारा 79 से 81 अंक हासिल करने के बावजूद उन्हें चयन प्रक्रिया से वंचित रखा गया है। जिसके बाद सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू, जस्टिस एमएस भट्टी ने इस मामले में विधि और विधाई कार्य विभाग की प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। वहीं District court स्टेनोग्राफर और सहायक ग्रेड 3 की प्रारंभिक परीक्षा की जारी सूची को अंतिम निर्णय के अधीन रख दिया है।