भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) बिना ओबीसी आरक्षण के (OBC reservation) होंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने बड़ा फैसला दे दिया है। जिसके बाद ओबीसी आरक्षण के बिना ही पंचायतों और नगरीय निकाय चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए है। आदेश जारी करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को 15 दिन के भीतर इसके लिए अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए है। इसी बीच सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने रिव्यू पिटिशन (review petition) की बात कर रहे हैं। रिव्यू पिटिशन को लेकर सीएम शिवराज का बड़ा बयान सामने आया था। सीएम शिवराज ने अपने प्रस्तावित विदेश यात्रा को भी निरस्त कर दिया है।
CM Shivraj ने कहा कि मेरी सरकार अन्य पेशेवर के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध है। मध्यप्रदेश के स्थानीय निकाय में उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछड़े वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का निर्णय सुनाया गया है। हालांकि यह निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा स्थानीय निकाय के प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाले निर्णय है। जिसके बाद आदेश के लिए पुनः संशोधन याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया है।
वही सीएम शिवराज ने कहा कि 14 मई से मध्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश प्रवास किया गया था लेकिन इस समय न्यायालय में अपना पक्ष रखना और पिछड़े वर्ग के हितों का संरक्षण करना प्राथमिकता है। इसलिए प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त करना पड़ रहा है।
बता दें कि इससे पहले सरकार ने 49% आबादी वाले अन्य पिछड़े वर्ग के बताते हुए मध्य प्रदेश में उनके लिए 35% आरक्षण की मांग की थी। इसके लिए रिपोर्ट तैयार किया गया था। हालांकि रिपोर्ट को अधूरा करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। जानकारों की माने तो अन्य पिछड़े वर्ग आयोग में ट्रिपल टेस्ट के लिए तय प्रक्रिया को पूरी किए बिना ही सुप्रीम कोर्ट में अधूरी रिपोर्ट पेश की गई थी।
जिसके बाद सरकार कोर्ट में लिखित में कह चुकी थी कि 30 मई तक ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा लेकिन इसके बाद चुनाव कराए जा सकते हैं। हालांकि सरकार ने 35% सीट ईश्वर के लिए आरक्षित करने की मांग की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। वही पंचायत चुनाव पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अधिसूचना तैयार कर ली गई है। 15 दिन के भीतर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप कार्य शैली अपनाई जा रही है।