MP Rains : नर्मदा-बेतवा सहित कई नदियां उफान पर, 19 से 23 अगस्त के बीच भारी बारिश की चेतावनी, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को दिए निर्देश

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  मध्य प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश (MP Rains) से जनजीवन अस्त व्यस्त बना हुआ हैं। 14 अगस्त की रात से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। वहीं 17 अगस्त तक बारिश के जारी रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि दो दिन तक मध्य प्रदेश में बारिश से राहत मिलेगी। बावजूद इसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने प्रदेश की जनता को सतर्क रहने की अपील की है। सीएम शिवराज राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बरगी सहित बेतवा के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिल रही है। नर्मदा उफान पर है। लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रदेश में भारी बारिश के कारण जो परिस्थितियां निर्मित हुई है। उस पर नियंत्रण पाया जा रहा है। बेहतर प्रबंधन किए गए हैं।

सीएम शिवराज ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता की जिंदगी है । जिला प्रशासन एनडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीम लगातार मोड में स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए है। सभी जिलों को निर्देश दिए जा चुके हैं। सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश ने वैज्ञानिक तरीके से आपदा प्रबंधन कर जल प्लावन की स्थिति को रोका है। गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की है।

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सीएम शिवराज ने मध्यप्रदेश में होने वाली बारिश, बांधों से पानी छोड़ने और बाढ़ की स्थिति के संबंध में सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी। बांधो, जल संरचनाओं का प्रतिदिन निरीक्षण कराने के निर्देश देने के साथ ही सीएम शिवराज ने प्रदेश में अतिवृष्टि से निर्मित स्थितियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 19 से 23 अगस्त के बीच एक बार फिर से अत्यधिक बारिश की संभावना जताई गई है। जिसको लेकर अधिकारी सहित लोगों को सतर्क रहना है। समीक्षा बैठक करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश वैज्ञानिक तरीके से आपदा प्रबंधन में दक्षता रखता है। कारम डैम आपदा के प्रबंधन ने यह बात स्पष्ट रूप से साबित हुई है। जल प्रबंधन के जन के साथ पशुओं को भी बचाने में सरकार सफल रही है।

  • अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए CM शिवराज ने कहा कि सभी जिलों में राहत शिविरों की व्यवस्था रखी जाए।
  • पशुओं की सुरक्षा के लिए भी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।
  • वही नवनिर्वाचित पंचायत और नगर निकाय के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए
  • सोशल मीडिया और जनसंचार के माध्यम से अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति को जनता के साथ साझा किया जाना भी आवश्यक है
  • आवश्यक सावधानी बरतने में लोगों को सहायता दी जानी चाहिए।
  • इसके अलावा CM शिवराज ने जिला प्रशासन को अपने क्षेत्र के सभी बांध तालाब और जल संरचनाओं का परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं
  • CM शिवराज ने कहा कि आगामी दिनों में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए तकनीक का इस्तेमाल किया जाए
  • जल संरचनाओं का निरीक्षण कर सीपेज की संभावना पर नजर रखी जाए।
  • सभी विभाग परस्पर समन्वय कर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे
  • बाढ़ राहत के लिए राशन, दवाएं, मोटर बोट, गोताखोर, बचाव दल सहित SDRF-NDRF की टीम को तैयार रखा जाए।

CM शिवराज ने कहा कि यदि बरगी, तवा, बारना और कोलार का पानी एक साथ छोड़ा जाता है तो प्रदेश में जल प्रवाह की स्थिति बन सकती थी। लेकिन मध्यप्रदेश में वैज्ञानिक प्रबंधन से क्रमबद्ध तरीके से जल निकासी का प्रबंध किया। जब तवा और बारना बांध के गेट खुले गए, तब बरगी को बंद किया गया। बरगी के गेट खुले तो तवा और बारना के गेट को बंद कर दिए हैं। CM शिवराज ने जानकारी दी है कि बांधों में 80% जल भंडारण का निर्णय लिया गया है 20% की गुंजाइश को छोड़ा गया है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। मंडला, डिंडोरी सहित आसपास के जिलों में लगातार हो रही बारिश से जबलपुर के बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। नर्मदा भी उफान पर आ गई है। जिला प्रशासन ने इसके लिए अलर्ट जारी कर दिए हैं। इसके अलावा चंबल, बेतवा, ताप्ती, शिप्रा भी अपनी उफान पर है। कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं। मौसम केंद्र ने राजगढ़, आगर मालवा, गुना, रतलाम, नीमच और मंदसौर जिले में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। विदिशा में बेतवा के उफान का असर देखने को मिला है। 19 गांव से प्रभावित हो गए हैं। इसके अलावा सीहोर जिले में तवा और बरगी डैम के गेट खोलने से नर्मदा में जलस्तर बढ़ गए हैं।

इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोलने पड़े। इसके अलावा ओम्कारेश्वर बांध के 19 गेट खोल कर नदी में पानी छोड़े गए हैं। बरगी बांध के 13 और नर्मदा पुरम के तवा बांध के 5 गेट खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है। विदिशा में अब तक 1400 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है।


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