भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के असाक्षर समाज को साक्षरता (illiterate to Literate society) की ओर ले जाने और प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी द्वारा नई तैयारी की गई है। इसके तहत आंगनबाड़ी और प्राथमिक शालाओं (MP School) को आर्थिक सहायता के तौर पर केंद्र सरकार की ओर से हर साल राशि उपलब्ध कराई जाती है। सभी को साक्षर बनाने के उद्देश्य से प्राथमिक शाला सहित आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी प्रौढ़ सहित अन्य व्यक्तियों के लिए पढ़ना लिखना अभियान (reading and writing campaign) चलाया जा रहा है। हालांकि विभाग द्वारा बजट का आवंटन करने के बाद भी इस अभियान के लिए बजट का आधा हिस्सा भी खर्च नहीं हो पाया है।
जिसको देखते हुए अभियान के समय को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया। इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से सभी जिलों को आदेश जारी किए गए हैं। दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तहत बैंक खातों में 31 मार्च तक राशि के उपयोग के लिए समय दिया गया था। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी जिलों को राशि आवंटन किया गया लेकिन स्कूलों द्वारा असाक्षर को चिन्हित कर उन्हें साक्षर बनाए जाने के लिए आधी राशि भी खर्च नहीं की जा सकी है।
जिसके लिए अब राज्य शिक्षा केंद्र ने 31 अगस्त तक का समय सभी जिलों को दिया। मामले में अधिकारियों का कहना है कि पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम पर लोड अधिक होने के कारण कई स्कूलों द्वारा राशि की निकासी नहीं हो पाई है। इस को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राशि के उपयोग के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है। सभी जिलों को मामले में आदेश जारी कर दिए हैं और सभी केंद्रों का बकाया भुगतान कर दिया जाए। इस संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश के 52 जिलों के लिए 8 से 30 लाख रुपए तक की राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई है। जिसमें भोपाल जिले में लगभग 9 लाख की राशि उपलब्ध कराई गई है। हालांकि इसमें से चार लाख की राशि अभी शेष है। जबकि सबसे अधिक अलीराजपुर जिले के लिए 30 लाख, बड़वानी के लिए 44 लक्षण के लिए 22 लाख दमोह के लिए लाख-लाख और झाबुआ के लिए 37 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हालांकि कई जिलों द्वारा राशि की निकासी नहीं हो पाई है। जिसको लेकर अब समय को बढ़ा दिया गया है।