भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक और शासकीय योजना (Government scheme) में बड़ा घोटाला सामने आया है। इसके लिए जो खुलासे वह चौकानेवाले हैं। दरअसल प्रदेश में गरीबों को संबल देने के लिए शिवराज सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना (Chief Minister Annapurna Yojana) का संचालन किया जाता है। इस योजना के तहत ₹1 किलोग्राम की दर से राशन हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए उचित मूल्य की राशन दुकानों से अनाज वितरण का काम पूरा किया जाता है।
वहीं अब इस शासकीय योजना में भारी गड़बड़ी देखने को मिली है। निवाड़ी जिले में इस घोटाले में 158 राशन दुकानों की जांच में यह बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक 158 राशन दुकानों में पॉइंट ऑफ सेल मशीन की जगह ऑफलाइन तरीके से राशन वितरण का कार्य किया गया है। जिसका कोई लेखा-जोखा भी उपलब्ध नहीं किया गया। इस मामले में गड़बड़ी सामने आने के बाद स्तरीय जांच की मांग की है।
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वहीं जांच के दौरान जब विक्रेता से पूछा गया तो ऑफलाइन वितरण किए गए खाद्यान्न की जानकारी और आंकड़े भी प्रस्तुत नहीं कर सके। जिसके बाद इस संबंध में कलेक्टर ने राज्य शासन को रिपोर्ट तैयार कर भेजा है। इसके साथ ही कार्रवाई की मांग की है। वही इस मामले में खाद्य और सहकारिता विभाग के अधिकारी कर्मचारी की संलिप्तता भी जाहिर की जा रही है।
इतना ही नहीं कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीओएस मशीन के रिकॉर्ड से अधिक राशन का आवंटन इन दुकानों में प्रदर्शित किया जा रहा है इसके अलावा इस पूरे मामले में कोई आंकड़ा ना होना बेहद गंभीर विषय है। जिस पर खाद आपूर्ति के संचालक दीपक सक्सेना का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने इस मामले में राज्य शासन को रिपोर्ट भेजा है। जिसमें उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि इससे पहले राशन की गड़बड़ी राजगढ़ जिले में सामने आई थी वही अब राशन में हो रही भारी गड़बड़ी पर सभी 27 और 28 मार्च को पचमढ़ी में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में विचार किया जा सकता है।
निवाड़ी में विशेष जांच की गई। जहां 158 उचित मूल्य की दुकानों के रिकॉर्ड में बेहद गंभीर 2017 से सितंबर 2021 तक राशन में भारी अनियमितता पाई गई है। जिसमें 60326 क्विंटल गेहूं, 1343 क्विंटल मोटा अनाज, 1015 क्विंटल चीनी, दो हजार 123 क्विंटल नमक सहित और चावल में भारी गड़बड़ी देखने को मिली थी।