लापरवाही पर बड़ा एक्शन, स्टेनो सहित 10 तत्काल प्रभाव से निलंबित, 5 को नोटिस जारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों (Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। कई कर्मचारियों को निलंबित (MP Suspend) किया जा रहा है। इसी बीच भोपाल संभाग के नए संभाग आयुक्त माल सिंह भयडीया ने पदभार संभालते ही अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार को संभाग आयुक्त बिना सूचना के भोपाल के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान हमीदिया पहुंच गए। इस दौरान कर्मचारियों की ड्यूटी का रोस्टर मांगा गया। बिना सूचना गायब रहने वाली 2 महिला कर्मचारी को ऑन स्पॉट एक्शन लेते हुए संभाग आयुक्त ने सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।

जिन दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया। उसमें स्टीवर्ड नेहा और उजमा ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे। 2 कर्मचारी को कॉल भी किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए हैं।

एक अन्य कार्रवाई उज्जैन जिले में की गई है। जहां भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ढाबला में शासकीय जमीन पर कब्जे को लेकर किसान को चांटा मारने और उससे अभद्र पूर्ण व्यवहार करने पर आईजी संतोष कुमार सिंह ने स्टेनो को निलंबित कर दिया है। मारपीट का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद ऐसी सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा यह कार्रवाई की गई है। आरोपित के खिलाफ एसपी आकाश भूरिया विभागीय जांच करेंगे।

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जानकारी के मुताबिक किसान कालूराम प्रजापत निवासी ग्राम डाबला गांव में ही शासकीय जमीन पर पट्टा लेकर खेती कर रहा था। इस पर कब्जे को लेकर आईजी कार्यालय में पदस्थ स्टेनो अनिल राठौड़ लंबे समय से कालूराम को धमका रहे थे। इस बीच किसान के साथ मारपीट कर उससे अभद्रता की गई। जिसके मोबाइल से वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। वहीं किसान कालूराम द्वारा शिकायत के बाद एसपी द्वारा स्टेनो पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

एक अन्य कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। जहां उर्वरक वितरण में लापरवाही के कारण विक्रेता के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। कृषि विभाग की ओर से बलदेव बाग स्थित मैसेज अग्रवाल ब्रदर्स के फुटकर उर्वरक विक्रय लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उर्वरक होने के बावजूद स्टॉक निरंक होने और पीओएस मशीन खराब होने के बहाने किसानों को उर्वरक वितरण में लापरवाही बरतने पर यह कार्रवाई की गई है। मैसर्स अग्रवाल ब्रदर्स का उर्वरक फुटकर बिक्री लाइसेंस उर्वरक गुण नियंत्रक 1985 की धारा 31 (2) के तहत निलंबित किया गया है।

वही राशन घोटाले पर मध्यप्रदेश में स्थिति फिलहाल करवाई हुई है। शहर के 70 दुकानों की जांच के दौरान 38 राशन दुकानों में खाद्यान्न घोटाला उजागर हुआ है। जिसमें 1 नवंबर को बड़ी कार्रवाई करते हुए 39 राशन दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ ही 15 खाद्य अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई थी। वही चार अधिकारियों को चार्जशीट भी दी गई है।

मामले में जिला आपूर्ति नियंत्रक गोपाल मीणा मालाकर ने कहा कि राशन दुकान में वित्त व्यवस्था को नए सिरे से बनाने संबंधित प्रतिवेदन तैयार किया गया जिसमें निलंबन की कार्रवाई की गई है। अन्य दुकानों के प्रतिवेदन मिलने का इंतजार किया जा रहा है। परीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। सभी दुकान को उचित वितरण करने की समझाइश दे दी गई है। हितग्राही के साथ किसी भी तरह की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में पूरी कार्रवाई करेंगे। उपभोक्ता इस मामले में शिकायत भी कर सकते हैं। इसके लिए सीएम हेल्पलाइन 181 पर उपभोक्ता को शिकायत करने की अपील की जा रही है।

मरीजों के इलाज और जांच में लापरवाही के एक्शन मामले सामने आते रहते हैं। डॉक्टर की लापरवाही के कई बार मरीजों की मौत हो जाती है। जांच में डॉक्टर की अचूक साबित होने पर कार्रवाई भी होती है।इस बीच मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने हाल ही में डॉक्टर पर बड़ी कार्रवाई की है। जांच और सुनवाई के बाद मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल इन डॉक्टर के पंजीयन निलंबित करने से लेकर उनके प्रेक्टिस पर रोक लगाने की कार्रवाई पूरी कर दी गई है। करीब छह-सात साल पुराने मामले में अब एक्शन लिया जा रहा है।

मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल ऑरबिंदो इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल इंदौर के तत्कालीन ब्लड बैंक प्रभारी प्रसन्न कुमार बंटी को साल 2014 के मामले में जांच के बाद 1 साल तक प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही मेडिकल काउंसिल के अनुसार प्रकरण में दोषी पाए जाने पर डॉक्टर प्रसन्न कुमार मंडी के पंजीयन और एमडी पैथोलॉजी के रजिस्ट्रेशन को 1 साल तक के लिए तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

एक अन्य मामले में निकारागुआ देश से की गई पीजी की डिग्री का एडमिशन रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है। गलत रिपोर्ट देने पर 1 साल तक सोनोग्राफी करने पर भी रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई भोपाल निवासी अंकिता राजपूत के 2016 मामले में मेडिकल काउंसिल को भेजी गई शिकायत पर की गई है।


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