Transfer: तबादले फर्जीवाड़े में नया मोड़, 30 अधिकारियों को भेजा गया नोटिस, FIR दर्ज

Kashish Trivedi
Published on -
New Transfer Policy

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में तबादले (transfer) के लिए फर्जी नोटशीट (false notesheet)  का मुद्दा गरमा गया है। दरअसल ट्रांसफर की अवधि को 7 अगस्त तक बढ़ाया गया है। इसी बीच अधिकारी कर्मचारियों की लिस्ट सामने नहीं आई है। इस मामले में अब सांसद (MP) और विधायकों (MLA) के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा बड़े स्तर पर हुआ है। मामले में ट्रांसफर (transfer) की फर्जी नोटशीट मामले में शुक्रवार को देर रात धोखाधड़ी के FIR दर्ज किए हैं।

इसके अलावा ट्रांसफर (transfer) के लिए फर्जी नोटशीट अनुशंसा में जिन अधिकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर की बात कही गई है, उन सभी 30 कर्मचारियों को नोटिस (notice) जारी किया गया है। इन कर्मचारियों को भोपाल के क्राइम ब्रांच आकर अपना स्पष्टीकरण देना होगा। इनके लिखित बयान के बाद अब क्राइम ब्रांच (crime branch)आगे की जांच शुरू करेगी।

वहीं जिन कर्मचारियों को नोटिस भेजा गया। उनमें सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (pragya singh thakur) के नाम पर स्टाफ नर्स रानी कुशवाहा को विदिशा से भोपाल ट्रांसफर की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के नाम पर शाहजहांपुर नायब तहसीलदार की पत्नी के शाजापुर से बड़वानी ट्रांसफर की अनुशंसा की गई है। इसके अलावा देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के नाम पर प्रभारी तहसीलदार वीरेंद्र कुमार पटेल का तबादला सीधी से देवास करने की अनुशंसा की गई है।

Read More: MP Politics: कांग्रेस ने की जिला प्रभारियों की नियुक्ति, यहां देखें लिस्ट

चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में सिलवानी विधायक (MLA) रामपाल सिंह के नाम पर 27 अधिकारियों के अनुसार पत्र सामने आए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निवास (CM House) में चिट्ठी लिखकर ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट में भोपाल सांसद के असली लेटर पैड की कॉपी कर अनुशंसा की गई है।

यह मामला फर्जी था। इसका खुलासा मुख्यमंत्री निवास में पकड़ा गया है। हालांकि इस मामले में विभाग के कर्मचारी अधिकारियों की मिलीभगत होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। वही जिस तरह से ट्रांसफर की अनुशंसा की गई है। उसमें भाषा के तौर पर कई तरह की अशुद्धियां सामने आई है। जिसमें निवेदन की जगह सीधे आदेश लिख दिया गया है।

मामले में कई MP और MLA के नाम सामने आए हैं। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। तीन सांसद और विधायक की अनुशंसा से पहले उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव (mohan yadav) नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर भी फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News