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Mon, Dec 15, 2025

मध्य प्रदेश मौसम : बुधवार को एक्टिव होगा नया सिस्टम, शुरू होगा झमाझम वर्षा का दौर, आज 12 जिलों में अलर्ट

Written by:Pooja Khodani
बुधवार गुरूवार से मानसून फिर से सक्रिय होगा जिसके असर से प्रदेश में फिर भारी बारिश का दौर शुरू होगा। इसका ज्यादा असर मालवा निमाड़ में देखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश मौसम : बुधवार को एक्टिव होगा नया सिस्टम, शुरू होगा झमाझम वर्षा का दौर, आज 12 जिलों में अलर्ट

मानसून ट्रफ और चक्रवातीय परिसंचरण के असर से आज मंगलवार रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर संभाग में मौसम बदला रहेगा। आज 12 अगस्त को 14 जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। बुधवार को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने से पूर्वी मध्य प्रदेश में तेज वर्षा का दौर शुरू होगा। 15 अगस्त से दक्षिणी मध्य प्रदेश में भी अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है। इसका मालवा निमाड़ क्षेत्र में ज्यादा प्रभाव रहेगा। प्रदेश में अब तक औसत से 29.5% अधिक बारिश हो चुकी है।

14 अगस्त तक इन जिलों में बारिश का अलर्ट

  • मंगलवार : छतरपुर, सतना, पन्ना, रीवा, मैहर, दमोह, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश ।ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, सतना, कटनी, सागर, टीकमगढ़ में भी बारिश
  • बुधवार: दक्षिणी हिस्से के जिलों में बारिश
  • गुरूवार: भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर और जबलपुर संभाग के जिलों में तेज बारिश

बुधवार को फिर एक्टिव होगा नया वेदर सिस्टम

वर्तमान में मानसून ट्रफ़, माध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़, शाहजहाँपुर, लखनऊ, गोरखपुर, दरभंगा, जलपाईगुड़ी से होते हुए पूर्व-उत्तर- पूर्व की ओर अरुणाचल प्रदेश तक विस्तृत है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण, पश्चिमोत्तर यूपी के ऊपर माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण कच्छ और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। बुधवार को पश्चिमोत्तर और संलग्न पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है।13 अगस्त से पूर्वी और 15 अगस्त से दक्षिणी एमपी में भी अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है।

Madhya Pradesh: 1 जून से 11 अगस्त तक कहां कितनी हुई वर्षा

  • मध्य प्रदेश में औसत से 29% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 36% अधिक और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 23% अधिक वर्षा हुई। प्रदेश में अब तक 10 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों की स्थिति ठीक नहीं है।
  • पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 37% और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 25% बारिश अधिक हुई है। इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है।

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