अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश में 22-23 अगस्त तक अच्छी बारिश होने का अनुमान है। आज मंगलवार को 2 दर्जन से ज्यादा जिलों में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है ।यहां अगले 24 घंटे के दौरान साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वही 1 दर्जन जिलों में वज्रपात व झंझावत की संभावना जताई गई है। नए वेदर सिस्टम के सक्रिय होने से 21 और 22 अगस्त को दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में तेजी देखने को मिलेगी। इसका भोपाल, जबलपुर-नर्मदापुरम संभाग में ज्यादा असर रहेगा।
आज मंगलवार को इन जिलों में बारिश का अलर्ट
- सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल अति भारी वर्षा, झंझावत कहीं-कहीं और वज्रपात।
- हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा भारी वर्षा, झंझावत और कहीं-कहीं वज्रपात।
- भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर झंझावत और वज्रपात कहीं-कहीं
वर्तमान में सक्रिय है कई मजबूत मौसम प्रणालियां
- एक सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र, पश्चिम मध्य और संलग्न पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी एपी-दक्षिण ओडिशा तटों पर अवस्थित है, इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 9.6 किमीकी ऊंचाई पर सक्रिय है और ऊँचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है।
- इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अवदाब में परिवर्तित होने तथा 19 अगस्त को दक्षिण ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश तटों को पार करने की संभावना है।विदर्भ और निकटवर्ती क्षेत्रों पर बना ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण उपरोक्त ट्रफ़ में विलीन हो गया है।
- एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वोत्तर अरब सागर और संलग्न गुजरात के ऊपर माध्यसमुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
- पूर्व-पश्चिम ट्रफ़, पश्चिम मध्य और संलग्न पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश-दक्षिणओडिशा तटों पर बने सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से जुड़े ऊपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण सेपूर्वोत्तर अरब सागर और संलग्न गुजरात के ऊपर बने ऊपरी हवा के चक्रवातीय परिसंचरण तक उपरोक्तविरुपक हवाओं का क्षेत्र (शियर जोन) में विलीन हो गई है।
Madhya Pradesh: 1 जून से 18 अगस्त तक कहां कितनी हुई वर्षा
मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 23% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 27% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 19% अधिक वर्षा हुई है। अब तक औसत 31.5 इंच बारिश हो चुकी है यानि 5.9 इंच पानी ज्यादा गिरा है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। अब तक 85 प्रतिशत पानी गिर चुका है। प्रदेश में जुलाई में 10 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों की स्थिति ठीक नहीं है। पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 37% और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 25% बारिश अधिक हुई है। इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है।
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