जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। MPPSC के उम्मीदवारों (Candidates) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल पीएससी प्रारंभिक परीक्षा (psc preliminary exam) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) को एक बार फिर से नोटिस (notice) जारी कर दिया गया है। इस बार ब्रह्म समाज की स्थापना को लेकर प्रश्न पर विवाद की स्थिति पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति पुरूषेंद्र कुमार गौरव की युगल पीठ द्वारा कहा गया है कि आदि ब्रह्म समाज की स्थापना को लेकर विवाद की स्थिति पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। बता दें कि एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्न को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।
इस प्रश्न में दो विवादित उत्तरों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। एकल पीठ में याचिका निरस्त होने के बाद युगल पीठ के समक्ष इसे प्रस्तुत किया गया है। वहीं भोपाल निवासी निखिल अहिरवार की ओर से वकील पलाश उपाध्याय ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने दलील दी कि एमपी परीक्षा में एक ब्रह्म समाज की स्थापना से लेकर केशव चंद्र सेन और देवेंद्र नाथ टैगोर में विवाद की स्थिति है।
वकील पलाश उपाध्याय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक्सपर्ट कमिटी ने जहां गैजेटियर को आधार मानते हुए देवेंद्र नाथ टैगोर को सही उत्तर बताया है। वही मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी और NCERT की 12वीं सहित 7 प्रकाशकों की पुस्तक में केशव चंद्र सेन को सही उत्तर माना गया है।
अब ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता ने उपलब्ध कराए हुए अध्ययन सामग्री के आधार पर प्रश्न का जवाब केशव चंद्र सेन दिया है। जिसे गलत करार दिया गया है। जिसके बाद MPPSC को नोटिस जारी करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में स्पष्टीकरण मांगते हुए अपने पक्ष को प्रस्तुत करने की बात कही है।