भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day) मनाया जाता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा हर साल 1 जुलाई को चिकित्सकों के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की परंपरा है। वही Corona काल के दौरान देश में डॉक्टरों (doctors) ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित लोगों को अपनी सेवाएं दी है। इसी बीच वरिष्ठ चिकित्सक डा.ए.के.चौधरी (Dr. A.K.Chaudhary) द्वारा डॉक्टर्स दिवस के मौके पर चिकित्सकों के लिए सरकार से बड़ी मांग की गई है।
दरअसल चिकित्सक ए.के.चौधरी ने कहा कि Corona काल में सारे भारत में चाहे शासकीय अस्पताल हो या निजी या भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा संस्थानों सभी में डॉक्टरों ने अपने जीवन दाव पर लगाकर कोरोना संक्रमित लोगों कि की सेवा की है। रात दिन डॉक्टर उनके इलाज में लगे रहे। सेवा ही धर्म है की बात को सच किया है।
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डा.ए.के.चौधरी का कहना है कि बावजूद इसके अपनी जीवन दांव पर लगाकर मरीजों का इलाज करने के बावजूद कभी-कभी गंभीर रूप से बीमार मरीज के मौत के बाद उनके परिजनों द्वारा डॉक्टरों से हाथापाई की जाती है। परिजन मारपीट पर उतारू हो जाते हैं वहीं डॉक्टरों के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया जाता है। मामले में कई बार डॉक्टरों के लिए सुरक्षा की निरंतर मांग डॉक्टर एसोसिएशन ने की बावजूद इसके भारत सरकार द्वारा इस मामले पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
- वरिष्ठ चिकित्सक चौधरी ने मांग की है कि राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्टरों के लिए सुरक्षा कानून बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्टरों की एसोसिएशन से राष्ट्रीय डॉक्टर आपदा योजना अंतर्गत एक फंड निर्मित किया जाए। जिस का संचालन हर प्रदेश की राज्य मेडिकल एसोसिएशन के साथ कोऑर्डिनेट कर किया जाना चाहिए। जिससे मृतक डॉक्टर के परिवार को आर्थिक मदद की जा सके।
- वरिष्ठ चिकित्सक डा.ए.के.चौधरी का कहना है कि सभी डॉक्टर आर्थिक समर्थ नहीं होते हैं। वही परिवारजनों के लिए उनके आर्थिक हालत ऐसी नहीं होती कि उनके साथ घर खर्च बच्चों की पढ़ाई आदि अच्छे से पूरा कर सके। ऐसे डॉक्टरों के परिजनों को आर्थिक मदद देना आवश्यक हो जाता है।
- वहीं वरिष्ठ चिकित्सक डा.ए.के.चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में देश भर में 2500 विशेषज्ञ और लगभग 2000 सहयोगी डॉक्टर संक्रमित होकर मौत के मुंह में समा गए हैं। वरिष्ठ चिकित्सक चौधरी ने भारत सरकार से अपील की है कि भारत के हर राज्य में कम से कम 10 डॉक्टर, जिसमें 5 महिला कर्मी और पांच पुरुष की सेवाओं का आकलन कर उन्हें प्रोत्साहन सम्मान सहित प्रशस्ति पत्र से नवाजा जाना चाहिए।
- इसके अलावा वरिष्ठ चिकित्सक ए.के.चौधरी की मांग है कि डॉक्टरों की सेवाओं को भी एक राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलना चाहिए। जिसके लिए राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित कर ऑल टाइम मेडिकल सर्विसेस की केटेगरी बननी चाहिए और उसके आधार पर डॉक्टरों की नियुक्ति के प्रयास किए जाने चाहिए।