नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर के निजी कर्मचारियों (employees) को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल मोदी सरकार (modi government) देशभर के कर्मचारियों को तोहफा देने की तैयारी में है। जल्द ही केंद्र सरकार द्वारा New Wage Code को अनुमति दी जाएगी। इसके लिए एक बार फिर से सरकार ने चर्चा का दौर शुरू किया है।
कर्मचारियों की अर्जित छुट्टी (earned leave) जल्द ही 240 से बढ़कर 300 हो सकती है क्योंकि मोदी सरकार का लक्ष्य अगले तीन से पांच महीनों में नए श्रम संहिता (New Wage Code) को लागू करना है। Code को पहले 1 अप्रैल 2021 से लागू होने की उम्मीद थी। हालांकि राज्य सरकारों की तैयारियों के कारण कोड में देरी हुई थी। इससे पहले श्रम मंत्रालय ने उद्योग के हितधारकों और अन्य दलों ने काम के घंटे, वार्षिक अवकाश, पेंशन, पीएफ, टेक-होम वेतन और सेवानिवृत्ति के संबंध में श्रम संहिता पर चर्चा करने के लिए मुलाकात शुरू की थी।
पिछले साल जनवरी में भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने आग्रह किया था कि सरकार को अर्जित अवकाश (earned leave) की सीमा 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन करनी चाहिए। अन्य यूनियनों (union) ने भी इसी तरह की बढ़ोतरी का अनुरोध किया है। इस बीच कई ट्रेड यूनियनों ने सरकार से भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों जैसे बीड़ी श्रमिकों, पत्रकारों और मनोरंजन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अलग नियम बनाने का अनुरोध किया है।
नया वेतन कोड इस साल 1 अप्रैल से लागू होना था लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था। अब इसे अक्टूबर में लागू किया जा सकता है। नया वेज कोड लागू होने से कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव होगा। अगस्त 2019 को संसद ने तीन श्रम संहिताओं, औद्योगिक संबंध, काम की सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित नियमों में बदलाव किया गया था। ये नियम सितंबर 2020 में पारित किए गए थे।
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नए श्रम कानून
नए वेज कोड नियमों के अनुसार, कर्मचारियों का मूल वेतन कुल वेतन या वेतन की लागत (CTC) का 50% होना चाहिए। फिलहाल ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों का मूल वेतन कम रखती हैं और भत्तों की संख्या ज्यादा रहती है। लेकिन जैसे ही नया वेतन कोड लागू होगा, मौजूदा व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी। कंपनियों को कर्मचारियों के मूल वेतन का 50 प्रतिशत या इससे अधिक CTC रखना होगा। शेष 50 प्रतिशत में कर्मचारियों को मिलने वाले सभी भत्तों की गणना की जाएगी।
ऐसे में PF और ग्रेच्युटी (gratuity)में कर्मचारियों का योगदान बढ़ेगा लेकिन टेक-होम सैलरी (take home salary) घट जाएगी। श्रमिक संघों की मांग थी कि नए नियमों के तहत कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाए। अगर ऐसा होता है तो निजी कंपनियों में काम करने वाले वेतनभोगी वर्ग का वेतन बढ़ जाएगा। मौजूदा नियमों के मुताबिक 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक कमाने वाले कर्मचारियों के लिए पीएफ अनिवार्य नहीं है। यदि वेतन 15,000 रुपये से अधिक है, तो वास्तविक वेतन पर पीएफ का योगदान नियोक्ता और कर्मचारी की ओर से स्वैच्छिक है।