भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में इन दिनों अधिकारी कर्मचारियों की नाराजगी सरकार से बढ़ती जा रही है। दरअसल मध्य प्रदेश सरकार के Proposed Public Service Promotion Rules 2021 को लेकर अब अधिकारी कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है। प्रस्तावित लोक सेवा पदोन्नति नियम 2021 को लेकर सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी और कर्मचारी संस्था सपाक्स बड़ी तैयारी में है।
मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्तावित लोक सेवा पदोन्नति नियम 2021 को लेकर संस्था हाई कोर्ट (mp high court) का रुख करेगी। इसके लिए संस्था द्वारा तैयारी भी शुरू कर दी गई है। मामले में सपाक्स का कहना है कि अधिनियम की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही सरकार द्वारा इसे मंजूर किया जाएगा। संस्था हाई कोर्ट में अपील दायर करेगी।
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मामले में संस्था के अध्यक्ष केएस तोमर का आरोप है कि शिवराज सरकार ने हाई कोर्ट जबलपुर (jabalpur highcourt) के आदेश को दरकिनार कर दिया है और इसके बाद ही नए नियम बनाए गए हैं। सपाक्स अध्यक्ष का आरोप है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2021 एक वर्ग विशेष के हित में है। हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा 30 अप्रैल 2016 को लोकसेवा पदोन्नति नियम 2002 को खारिज कर दिया गया था।
इसके बाद से प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी की पदोन्नति पर रोक लगी हुई है, वही मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हालाकि 2006 से अब तक प्रदेश के 70 हज़ार से अधिक अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। जबकि 26 हज़ार से अधिक को पदोन्नति (promotion) नहीं मिल पाई है हालांकि शिवराज सरकार (shivraj government) ने उच्च पद के प्रभार देने की व्यवस्था शुरू की थी। इस मामले में Shivraj government मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम 2021 को लागू करने की तैयारी में जुट गई है। वही अधिकारी कर्मचारी संस्था सपाक्स की माने तो पदोन्नति नियम 2021 महज एक वर्ग विशेष के हित में है। जिसको देखते हुए संस्था हाई कोर्ट जाने की तैयारी में है।