रांची, डेस्क रिपोर्ट। कई राज्य में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) की मांग शुरू हो गई है। वहीं दो राज्यों द्वारा इसे लागू भी कर दिया गया। पश्चिम बंगाल (west bengal) में पहले से ही पुरानी पेंशन योजना लागू है। इसी बीच अब झारखंड सरकार (jharkhand government) भी जल्द कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू (OPS) कर सकती है। दरअसल इसके लिए पुरानी पेंशन योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। ज्ञात हो कि जेएमएम के चुनावी वादे सहित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते दिनों बाद पुरानी पेंशन योजना को लेकर घोषणा की थी।
जिसके बाद इस मामले में वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा था। वही प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी मिलती है तो 2004 से पहले की पेंशन योजना एक बार फिर से झारखंड राज्य में लागू हो सकती है। वहीं इसका सीधा फायदा फायदा 1 लाख 20 हजार कर्मचारियों को होगा। ज्ञात हो कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद झारखंड सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि चुनावी घोषणा में पुरानी पेंशन योजना को शामिल किया गया था और झारखंड सरकार अपने चुनावी घोषणा को लेकर काफी सतर्क है।
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बता दें कि राज्य में अस्थाई कर्मचारियों की संख्या 190000 है। जिनमें से 70000 के करीब पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आते हैं। 2004 के पूर्व की पेंशन योजना किस राज्य में लागू होती है तो इसका फायदा 120000 कर्मचारियों को होगा। इससे पहले 29 दिसंबर 2021 को राज्य के मोरहाबादी मैदान में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम का मामला उनके संज्ञान में आया है। जिसमें सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। मई 2022-23 के बजट सत्र में भी सीएम ने इस बात को दोहराते हुए कहा था कि सरकार अंशदाई पेंशन स्कीम को खत्म करके पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर विचार कर रही है।
हालांकि पुरानी पेंशन पर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि किसी भी सूरत में नई पेंशन योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। बता दें कि पुरानी पेंशन योजना पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा था। यह किसी दस्तावेज़ का हिस्सा नहीं था। उसमें कहा गया था कि कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
वहीं वायरल मैसेज में कहा जा रहा था कि 2004 के बाद शासकीय सेवा में आए कर्मचारियों को एनपीएस से बाहर कर उन्हें OPS में शामिल किया जाएगा। हालांकि दस्तावेज में साल 2023 में OPS को लागू करने की बात कही गई थी। इस मैसेज के बारे में होने के बाद PIB ने तथ्यों की जांच की थी। वही 29 मई को ही बैठक में निर्णय लिया गया कि यह बात पूर्णता गलत है और यह बात फर्जी है। ऐसी किसी भी तरह की जानकारी सामने नहीं आई है और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू नहीं किया जाएगा।