JUDA डॉक्टर के घर पहुंची पुलिस, परिवार को धमकाने का आरोप, Video जारी कर बताई सच्चाई

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JUDA ) अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस बीच हड़ताल खत्म कराने के लिए पुलिस आधी रात को एक डॉक्टर (doctor) के घर पहुंचती है। डॉक्टर के माता-पिता से बेवजह सवाल पूछे जाते हैं। पूछताछ की जाती है। दबाव बनाया जाता है। दरअसल मामला सिंगरौली (singrauli) जिले का है। जहां गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) के अध्यक्ष के घर 2 घंटे तक पुलिस उनके माता-पिता से बेवजह पूछताछ करती रही। इस मामले में जीएमसी के अध्यक्ष ने रात 2:00 बजे वीडियो (video) जारी कर कहा है कि वह सरकार के दबाव में किसी भी कीमत पर नहीं आएंगे और हड़ताल जारी रखेंगे।

बता दें कि सिंगरौली के रहने वाले हरीश (harish pathak) मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष है। अपनी मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (junior doctor association) हड़ताल पर थे। जिसके बाद सरकार द्वारा लगातार उन्हें वापस हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने की समझाइश दी जा रही है। इस बीच सरकार और प्रशासन द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वहीं गांधी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष हरीश पाठक के घर पर रात 10:00 बजे के बीच 2 पुलिसकर्मी पहुंचे और उनके माता-पिता से 2 से 3 घंटे तक पूछताछ की।

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इस दौरान हरीश पाठक द्वारा अपने सिंगरौली स्थित घर के फोटो और वीडियो जारी किए गए हैं। इस वीडियो में हरीश पाठक ने कहा है कि उनके माता-पिता घर में अकेले रहते हैं। सिर्फ एक बहन है। रात को दो पुलिसकर्मियों के घर पहुंचे और बेवजह उनके माता-पिता को परेशान करते रहे हैं। इतना ही नहीं डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि पुलिस वाली धमकी भरे लहजे में पिता को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ पाठक ने कहा कि भले ही उनके परिवार को डराया धमकाया जा रहा हो लेकिन इसके बावजूद अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे और धरना जारी रहेगा। उन्होंने सभी डॉक्टर से गुजारिश की है कि एकजुट होकर हड़ताल को जारी रखें। इस दौरान जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पाठक भावुक भी हो गए।

मामले में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि सिर्फ हरीश पाठक के घर पर ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई डॉक्टरों के घर पर पुलिस पूछताछ की जाती है, दबाव बनाया जा रहा है और उनके परिवार और परिजनों को धमकाया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए लड़ना इस देश में गलत हो गया है। जो डॉक्टर दूसरों की जान बचाने का काम कर रहे हैं। उनके लिए सरकार और पुलिस प्रशासन इस स्तर पर आ जाएगी। यह सोचना भी अजीब है किंतु यही सच है।

बता दें कि बीते दिनों चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन आश्वासन के बाद उन्हें काम पर वापस लौटने और हड़ताल समाप्त करने की गुजारिश की थी। ऐसे में इस तरह की गतिविधि के सामने आने के बाद सरकार और प्रशासन द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है यह देखना दिलचस्प होगा।

 


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