चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। किसानों (Farmers) के लिए बड़ी खबर है। पानी बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं और नई-नई पहल कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने सीधे धान बोने वाले किसानों को सब्सिडी (farmer subsidy) देने का फैसला किया है। कई राज्यों में खरीफ फसल (kharif crop) की बुवाई शुरू हो गई है। वहीं भूजल का गिरता स्तर चिंता का विषय बना है। इसी बीच सरकार द्वारा धान की सीधी बुवाई पर सब्सिडी की घोषणा की गई है।
दरअसल अनुदान देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी घोषणा की है। राज्य सरकार ने कहा कि धान की सीधी बुवाई होने पर 4000 प्रति एकड़ अनुदान दिए जाएंगे। इसके पहले पंजाब सरकार द्वारा 1500 प्रति एकड़ अनुदान देने की घोषणा की गई थी वही यह अनुदान धान की सीधी बुवाई पर मिलेगा।
हरियाणा राज्य में धान की खेती का कुल क्षेत्रफल लगभग 13 लाख हेक्टेयर है। सरकार का लक्ष्य सीधी बुवाई के आधार पर धान की खेती को अधिकतम करना है। पंजाब के मुख्यमंत्री पानी जैसे संसाधनों को बचाने के लिए किसानों से डीएसआर पद्धति अपनाने शुरू करने का आग्रह किया हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि धान की परंपरागत बुआई की तुलना में सीधी बुवाई से लगभग 25-30 प्रतिशत पानी की बचत हो सकती है।
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हरियाणा सरकार पहले भी धान की सीधी बुवाई पर सब्सिडी दे चुकी है। पहले यह रकम करीब एक लाख रुपये थी। पहली बार नहीं है जब ऐसा हो रहा है। इससे पहले सीधी बुवाई पर प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। हालांकि पिछली बार यह राशि ₹5000 के आसपास रखी गई थी जिसे घटाकर ₹4000 किया गया है। इसके लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। वहीं आवेदन के लिए अधिकारी और पटवारी द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। जिसके बाद किसी अधिकारी और पटवारी द्वारा खेती की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद किसानों के खाते में प्रोत्साहन की राशि भेजी जाएगी।
धान की सीधी बुवाई
धान की बुवाई दो विधियों से की जा सकती है। पहली विधि में नर्सरी तैयार करना शामिल है। नर्सरी विधि से धान की बुवाई करने से खेतों में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। वहीं दूसरी ओर सीधी बिजाई विधि का प्रयोग कर किसान धान के बीज को सीधे खेत में छिड़काव या सीड ड्रिल का प्रयोग कर बो सकते हैं। यह विधि किसानों के समय को बचाने में मदद करती है और खेती की लागत को कम करती है।