MP : सीएम शिवराज ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, योजना निर्माण और क्रियान्वयन से पूरा करें कार्य

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत सरकार (Modi Government) ने बहु-मोडल कनेक्टिविटी योजना (multi-modal connectivity scheme) के लिए महत्वाकांक्षी गति शक्ति योजना या राष्ट्रीय मास्टर प्लान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य रसद लागत को कम करने के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समन्वित योजना और निष्पादन करना है। वहीँ अब इस योजना को लेकर CM Shivraj ने अधिकारियों को बड़े निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पी.एम. गतिशक्ति (PM Gatishakti), योजना निर्माण और क्रियान्वयन का प्रभावी साधन है। इसके प्रभावी उपयोग से समय की बचत के साथ योजनाओं का बेहतर और मितव्ययी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा। प्रदेश में मैदानी स्तर तक अधिकारी-कर्मचारियों का पी.एम. गतिशक्ति से ओरिएंटेशन सुनिश्चित किया जाए। पी.एम. गतिशक्ति में प्रदेश से संबंधित कोई भी जानकारी अथवा डाटा को जोड़ने की आवश्यकता हो तो उसकी समय-सीमा में पूर्ति सुनिश्चित करें। राज्य का विकास किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान निवास कार्यालय में पी.एम. गतिशक्ति मध्यप्रदेश की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अमित राठौर, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड नंद कुमारम तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए अक्टूबर 2021 में पी.एम. गतिशक्ति का शुभारंभ किया गया। इसमें देश में एकीकृत योजना और बुनियादी ढाँचे की कनेक्टिविटी के समन्वित कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत सरकार के 16 मंत्रालयों और राज्य सरकारों को सम्मिलित किया गया है। देश के व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने टेक्सटाईल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर जैसे आर्थिक जोन भी इसमें सम्मिलित हैं।

इससे अधो-संरचना से संबंधित योजनाओं में मंत्रालयीन और विभागीय स्तर तक समन्वय और सहयोग बढ़ेगा। साथ ही विकास योजनाएँ तैयार करने के तरीकों में बड़ा बदलाव आएगा। संसाधनों और क्षमताओं का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा। कार्य-क्षमता में वृद्धि, समय का सद्उपयोग सुनिश्चित होने के साथ कार्य में दोहराव की संभावनाओं को भी रोका जा सकेगा।

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प्रदेश में पी.एम. गतिशक्ति के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज़ और नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप गठित किया गया है। इसमें अधो-संरचना से जुड़े मंत्रालयों और विभाग के अधिकारी शामिल हैं। प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विशेषज्ञों को शामिल कर टेक्निकल सपोर्ट यूनिट का गठन किया जा रहा है।

पी.एम. गतिशक्ति में मुख्य रूप से सड़क, जल संसाधन, ऊर्जा, उद्योग, नगरीय विकास एवं आवास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों में समग्र बुनियादी ढाँचे को सशक्त करने और बेहतर समन्वय के लिए व्यवस्था विकसित होगी। प्रदेश के विभिन्न विभागों के 27 अधिकारी, गांधी नगर गुजरात के भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एण्ड जियो इन्फॉरमेटिक्स में हुए प्रशिक्षण में शामिल हुए। इनके द्वारा राज्य में विभिन्न स्तरों पर क्षमता विकास गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। प्रदेश में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग पी.एम. गतिशक्ति का नोडल विभाग है।

योजना के बारे में प्रमुख बिंदु

उद्देश्य: जमीन पर काम में तेजी लाने, लागत बचाने और रोजगार पैदा करने पर ध्यान देने के साथ अगले चार वर्षों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।

  • गति शक्ति योजना 2019 में शुरू की गई 110 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को समाहित करेगी।
  • रसद लागत में कटौती के अलावा, इस योजना का उद्देश्य कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय को कम करना है।
  • इसका लक्ष्य 11 औद्योगिक गलियारे और दो नए रक्षा गलियारे हैं – एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में। सभी गांवों में 4जी कनेक्टिविटी का विस्तार करना एक अन्य उद्देश्य है। गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।
  • यह 2024-25 के लिए सरकार द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई को 2 लाख किलोमीटर तक विस्तारित करना, 200 से अधिक नए हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम का निर्माण शामिल है।

दृष्टिकोण: यह योजना बुनियादी ढांचे से संबंधित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने कि तैयारी है।यह लंबे समय से चली आ रही समस्याओं जैसे कि असंबद्ध योजना, मानकीकरण की कमी, मंजूरी के साथ समस्याओं, और समय पर निर्माण और बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के उपयोग को दूर करने में मदद करेगा।


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