नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने छात्रों को बड़ी राहत दी है। दरअसल उच्च शिक्षा (higher education) के क्षेत्र में एक साथ 2 डिग्री लेने की राह आसान हो गई है। छात्र किसी भी विश्वविद्यालय से 2 डिग्री में दाखिला ले सकेंगे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विश्वविद्यालय को 2 डिग्री कोर्स (dual degree) की योजना पर तेजी से आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पीएचडी (PhD) पर यूजीसी द्वारा नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अब 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स के बाद पीएचडी प्रोग्राम छात्रों को पात्रता दी जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए नियम के तहत 4 साल के ग्रेजुएशन कोर्स पूरा करने के बाद छात्र पीएचडी करने की मान्यता रखेंगे। इसके साथ ही शिक्षा निकाय द्वारा थीसिस जमा करने के पहले शोध पत्र अनिवार्य प्रकाशन को भी समाप्त कर दिया गया है। यूजीसी के मुताबिक केंद्रीय विश्वविद्यालय के 75% छात्रों को अनिवार्य प्रकाशन मांगों को पूरा नहीं करता है और उनके घर प्रकाशन इंडेक्स जर्नल में शामिल नहीं है। जिसके कारण यूजीसी ने यह फैसला लिया है।
इसके अलावा यूजीसी ने देश भर के शिक्षा संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए 25% अतिरिक्त सीटें जोड़ने की हिदायत दी है। इसके साथ ही एक पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया के तहत उन्हें विश्वविद्यालय में शामिल किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए यूजीसी द्वारा नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- स्नातक और स्नातक कार्यक्रमों के लिए उनके समग्र स्वीकृत नामांकन के अलावा, एचईआई विदेशी छात्रों के लिए 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त सीटों का सृजन कर सकते हैं।
- अतिरिक्त सीटों पर चुनाव संबंधित उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा बुनियादी ढांचे, संकाय और अन्य मानदंडों को ध्यान में रखते हुए नियामक एजेंसियों द्वारा जारी किए गए विस्तृत निर्देशों और कानूनों के अनुसार किया जाना चाहिए।
- अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को उनकी प्रवेश योग्यता समकक्षों के आधार पर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा स्वीकार किया जा सकता है।
- यूजीसी, इस उद्देश्य के लिए अनुमोदित कोई अन्य संगठन, या संबंधित राष्ट्रीय नियामक एजेंसियों को तुल्यता निर्धारित करने की आवश्यकता है।
- उच्च शिक्षा संस्थान (HEI) विदेशी छात्रों को प्रवेश देने के लिए एक खुली प्रवेश प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं।