UGC की नवीन तैयारी, कई पाठ्यक्रम को मिलेगा ‘Degree’ कोर्स का दर्जा, लाखों छात्रों को होगा लाभ

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है। इसके तहत उच्च शिक्षा (Higher Education) के भारतीय संस्थानों को जल्द ही अपरंपरागत पाठ्यक्रम में डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम प्रदान किए जा सकेंगे। इसका लाभ सार्वजनिक नीति, कल्याण, भारतीय ज्ञान प्रणाली आदि जैसे अपरंपरागत पाठ्यक्रम को होगा। इसके लिए तैयारी कर ली है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) के मुताबिक एक समिति का गठन किया जाएगा, जो अकादमी पाठ्यक्रम कार्यक्रम की पहचान करेगी। साथ ही इस में परिवर्तन किया जाएगा।

वर्तमान के नियम के मुताबिक भारत ने यूजीसी अधिनियम 1956 में यूजीसी द्वारा अधिसूचित 130 डिग्री प्रोग्राम शामिल है। जबकि नवीन परिवर्तन के साथ भारतीय विश्वविद्यालय जल्द इंजीनियरिंग और अन्य पाठ्यक्रम डिग्री सहित विदेशी विश्वविद्यालय के समान पाठ्यक्रम प्रदान कर सकेंगे। इसके लिए विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में अपनी परिसर स्थापित करने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें वो पाठ्यक्रम प्रदान करने की स्वीकृति होगी, जो वह अपने देश में संचालित करते हैं।

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मामले में यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार को कहना है कि यूजीसी के पास डिग्री के लिए एक निश्चित नामकरण है। हमारे लिए और अधिक सफल पाठ्यक्रम अपनाने और कार्यक्रम की व्यवस्था को शुरुआत करने की आवश्यकता है। इस नियम के बदलाव का फायदा यह होगा कि किसी भी विश्वविद्यालय में सार्वजनिक नीति में मास्टर का लाभ छात्रों को नहीं मिल पाता है। वर्तमान प्रावधानों के तहत ऐसा असंभव है। वही नवीन नियम के तहत यूजीसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त डिग्री प्रोग्राम को भारत में मान्यता देगी।

दरअसल आईआईएम जैसे संस्थान कई बार मुसीबत का सामना कर चुके हैं। ऐसे पाठ्यक्रम यूजीसी की डिग्री पाठ्यक्रम की परिभाषा से IIM के एमबीए मेल नहीं खाते हैं। जिसके कारण IIM को डिप्लोमा की डिग्री प्रदान करनी होती है। रिपोर्ट की माने तो एक टीम का गठन किया जाएगा, यह टीम समय पर अपनी समीक्षा पूरी कर नए सुझाव देगा। जिसके तहत पारंपरिक ज्ञान प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य पर कई भारतीय पाठ्यक्रम को जल्द डिग्री का दर्जा दिया जा सकेगा।


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