उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (corona) ने पूरी दुनिया जहान को बदल दिया है। इंसान की आदतों में बदलाव तो सामान्य बात है तो भला जानवर (animal) इससे अछूते क्यों रहे। कुत्तों के व्यवहार में भी कोरोना काल के बाद अब बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है और वे उग्र हो गए हैं।
उज्जैन (ujjain) में अचानक कुत्तों (Dogs) के काटने के मामले बढ़ गए है। पिछले 1 महीने में 370 लोगों को कुत्ते काट चुके हैं। यानि हर रोज लगभग एक दर्जन लोग कुत्ते के काटने का इलाज कराने अस्पताल (hospital) पहुंच रहे हैं। कई बार तो यह संख्या दो दर्जन से ज्यादा हो जाती है। डॉक्टरों (doctors) का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने कुत्तों का भी व्यवहार बदल दिया है।
दरअसल स्ट्रीट डॉग को लोगों से मिलने वाला खाना कम हो गया है और आम लोगों से मिलने वाले विश्वास में भी कमी आई है। इसके चलते कुत्तों के व्यवहार में बड़ा बदलाव देखने को आ रहा है और वह उग्र हो गए हैं। शहर की पॉश कॉलोनियों की बात करें तो वहां लगातार कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। उज्जै के रहवासी कुत्ता काटने के बाद इलाज कराने के लिए लगातार जिला चिकित्सालय पहुंच रहे हैं।
हालांकि राहत की बात यह है कि कुत्तों के काटने के बाद लगने वाले इंजेक्शन सरकारी अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुत्तों में इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए विशेषकर स्ट्रीट डॉग को खाने के लिए कुछ ना कुछ देना चाहिए ताकि वे भूखे ना रहे और आक्रमक ना हो। यदि कुत्ता आपके पीछे भागता है तो भागे नहीं बल्कि चुपचाप खड़े हो जाए और यदि वाहन के पीछे कुत्ता भागे तो वाहन को धीमी गति में कर ले। किसी भी तरह की कुत्ते की व्यवहार में परिवर्तन की सूचना तुरंत नगर निगम को देनी चाहिए।