प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन विकसित भारत@2047 के अनुरूप गुजरात सरकार ने विकसित गुजरात के निर्माण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस की वजह से गुजरात आज वैश्विक निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। इसी कड़ी में उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने विधानसभा में गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025 पेश किया, जिसे बहुमत से पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को गति देना है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में पारित यह विधेयक राज्य में कानूनों के पालन को आसान बनाते हुए पारदर्शिता और सरलता को बढ़ावा देगा। इसके तहत छह विभागों से जुड़े 11 कानूनों-नियमों में लगभग 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त (डिक्रिमिनलाइज्ड) किया गया है। छोटे और कम गंभीर उल्लंघनों के लिए अब कैद की सजा का प्रावधान हटा दिया गया है और उसकी जगह वित्तीय पैनल्टी रखी गई है। इससे न केवल व्यापारियों और नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि न्यायपालिका पर भी बोझ घटेगा।
जनविश्वास संशोधन विधेयक-2025 पारित
उद्योग मंत्री राजपूत ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार ने हमेशा कानूनों को आधुनिक, लचीला और लोगों के अनुकूल बनाया है। इसी दिशा में 2023 में जनविश्वास अधिनियम लागू कर केंद्र और राज्यों ने मिलकर 40 हजार से ज्यादा अनुपालन (कम्प्लायंसेज) को समाप्त किया। गुजरात सरकार ने इसी क्रम में जनविश्वास विधेयक 2.0 का अध्ययन करने के बाद अपना संशोधन विधेयक तैयार किया है। इसमें फाइलिंग या लाइसेंस रिन्युअल में देरी, सुरक्षा उल्लंघन से जुड़ी छोटी भूलों और गैर-गंभीर मामलों में जेल की सजा को हटाकर केवल पैनल्टी आधारित व्यवस्था लागू की गई है।
सरकार का मानना है कि यह बदलाव खासतौर पर स्टार्टअप्स और एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ा सहारा साबित होगा। वे अब अनावश्यक फौजदारी मामलों के डर के बिना कारोबार कर सकेंगे और राज्य का एमएसएमई इकोसिस्टम और सुदृढ़ होगा। मंत्री ने बताया कि आठ कानूनों में अधिकारियों को उल्लंघन के मामलों का निपटारा वित्तीय दंड से करने का अधिकार दिया गया है। इससे सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास का वातावरण मजबूत होगा और निवेशकों का भरोसा और बढ़ेगा।
यह विधेयक गुजरात की छवि को निवेश और विकास के रोल मॉडल के रूप में और मजबूत करता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार केवल छोटे सुधारों (इन्क्रीमेंटल चेंज) तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि क्वांटम जंप का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेगी। दंडात्मक उपायों की बजाय सुधारात्मक कदमों पर जोर देने वाला यह कानून गुजरात के सर्वग्राही विकास और नियामकीय सुधार यात्रा का माइलस्टोन साबित होगा।





