करनाल में दो सितंबर और तीन सितंबर को अखिल भारतीय महापौर परिषद का 53वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित हो रहा है। यह पहला मौका है जब यह प्रतिष्ठित बैठक हरियाणा में हो रही है। इस अवसर पर देश भर के नगर निगमों के 70 से अधिक महापौर हिस्सा लेंगे, और इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होगा। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर करेंगे।
अधिकतर महापौरों का दर्द यह है कि उनके पास नगरीय प्रशासन में पर्याप्त वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार नहीं हैं। वे स्थानीय स्तर पर निर्णय ले पाने में असमर्थ हैं—जैसे कि बजट खर्च, कर्मचारियों का तबादला आदि—क्योंकि यह शक्तियाँ आइएएस अधिकारियों के पास हैं। उसके साथ-साथ, वे 73वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत मिलने वाले अधिकारों को भी लागू कराने की मांग कर सकते हैं, ताकि उनकी भूमिका वास्तविक परिवर्तनकारी बने।
सम्मेलन का कार्यक्रम
पहला दिन (2 सितंबर): सुबह 11 बजे होटल नूर महल में उद्घाटन रहेगा, जिसके बाद दोपहर में लंच और फिर देर शाम तक आम सभा आयोजित होगी। इस बैठक में महापौर अपने शहरों के विकास, स्वच्छता आदि मुद्दों पर चर्चा करेंगे और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होगा। इसके बाद सभी महापौर कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक यात्रा पर जाएंगे—जिसमें ब्रह्मसरोवर, ज्योतिसर, महाभारत से जुड़े अन्य स्थल शामिल होंगे।
दूसरा दिन (3 सितंबर): सुबह से बैठक फिर से शुरू होगी, जिसमें हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण और स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल मौजूद रहेंगे। दोपहर तक कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा।
करनाल की तैयारी और महत्व
करनाल मेयर रेनू बाला गुप्ता इस सम्मेलन की संयोजक भी हैं। उनका कहना है कि शहर की स्वच्छता और शहरी प्रगति को प्रदर्शित करने का यह शानदार अवसर है। करनाल स्वच्छ सर्वेक्षण में तीसरे स्थान पर रही है, और इसके अनुभवों को भी साझा किया जाएगा। यह पूरे हरियाणा के लिए गौरव का अवसर है, क्योंकि यह आयोजन पहली बार राज्य में हो रहा है और इसमें नगर प्रशासन के सुधारों पर जोर देते हुए, नई पहल को बढ़ावा मिलेगा।





