हरियाणा की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक नई पहल, ‘लाडो लक्ष्मी योजना’, की घोषणा की है। यह योजना महिलाओं की आर्थिक सशक्तता को बढ़ाने और सरकार के चुनावी वादे को पूरा करने का एक अहम कदम है। यह योजना 25 सितंबर, 2025 से लागू होगी, यही दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती भी है। हर माह ₹2,100 सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। आयु सीमा: 23 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएं, पति हो या अकेली, दोनों शामिल हैं।
योजना के पहले चरण में केवल उन परिवारों को शामिल किया जाएगा, जिनकी वार्षिक आय ₹1 लाख से कम है। बाद में यह सीमा बढ़ाई जा सकती है। अगर, महिला अविवाहित है तो उसे हरियाणा की निवासी होना जरूरी है और अगर विवाहित है, तो पति का हरियाणा में 15 वर्ष से रहना आवश्यक है। कोई सीमा नहीं, यदि एक परिवार में तीन समझदार महिलाएं योजना की पात्र हैं, तो तीनों को लाभ मिलेगा। जिन महिलाएं पहले से कोई बड़ी पेंशन योजनाएं ले रही हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगी। हालाँकि गंभीर बीमारी की स्थिति में दोनों की सुविधा मिल सकती है।
दीर्घकालिक जुड़ाव
यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं देता, बल्कि महिलाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में कदम है। जैसे जैसे एक अविवाहित महिला 45 वर्ष की होगी, वही स्वचालित रूप से विधवा व destitute पेंशन योजना में शामिल हो जाएगी। वहीं, पति-पत्नी दोनों के लिए उम्र 60 साल होने पर वे पेन्शन योजना ‘Old Age Samman Allowance’ के लाभार्थी बन जाएंगे। सरकार एक मोबाइल ऐप जारी करेगी, जिसके जरिए पात्र महिलाएं घर से ही आवेदन कर सकेंगी।
महिलाओं को लाभ
इसके अलावा, पंचायत और वार्ड स्तर पर सूची प्रकाशित की जाएगी, जिससे स्थानीय स्तर पर किसी भी नामांकन पर आपत्ति उठाई जा सकेगी। पहले चरण में अनुमानित 19–20 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा। इस योजना के लिए ₹5,000 करोड़ का बजट पेश किया गया है। ‘लाडो लक्ष्मी योजना’ न केवल महिलाओं की आजीविका और गरिमा को और मजबूत करेगी, बल्कि यह सरकार की जवाबदेही और चुनावी वादों की पूर्ति का मजबूत उदाहरण है। यह योजना भविष्य की योजनाओं के लिए रोडमैप बनाएगी, जहाँ महिलाएं हर आयु और परिस्थिति में आत्मनिर्भर और सुरक्षित रह सकें।





