हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति 2025–2027 के तहत गुरुग्राम जिले ने एक बार फिर राज्य में सबसे ज्यादा आबकारी राजस्व देने वाला क्षेत्र बनकर अपनी बादशाहत कायम रखी है। हरियाणा सरकार को इस बार शराब के ठेकों की नीलामी में गुरुग्राम से इस बार कुल 3,875 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो राज्य के कुल आबकारी राजस्व का लगभग 27 प्रतिशत है। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो गुरुग्राम की राजस्व क्षमताओं और बाजार की मांग को दर्शाता है। बता दें कि हरियाणा सरकार सरकारी कोष को भरने के लिए तमात तरीके के उपाय कर रही है। हरियाणा सरकार तेजी से विकास करने वालों राज्यों में से भी एक है। सीएम नायब सिंह सैनी की देखरेख में हरियाणा विकास की राह पर तेजी से अग्रसर है।
162 ठेकों की नीलामी में टूटा पुराना रिकॉर्ड
इस बार जिले में कुल 162 शराब के ठेके नीलाम किए गए। इनमें से सबसे महंगा ठेका 98 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। गुरुग्राम ने आबकारी आय के मामले में न केवल अपनी बढ़त बनाए रखी, बल्कि फरीदाबाद (1,696 करोड़), सोनीपत (1,066 करोड़), रेवाड़ी (654 करोड़) और हिसार (615 करोड़) जैसे प्रमुख जिलों को भी पीछे छोड़ दिया। आबकारी विभाग के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में 13.25% की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो साफ तौर पर दर्शाता है कि गुरुग्राम का शराब बाजार कितना मजबूत है।
पारदर्शी नीलामी से बढ़ा सरकार का विश्वास
शराब ठेकों से मिली रिकॉर्ड कमाई के पीछे हरियाणा सरकार की नई आबकारी नीति और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया को प्रमुख कारण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार बोली प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और खुली थी, जिससे ज्यादा प्रतिस्पर्धा पैदा हुई और अधिक बोलीदाताओं ने भाग लिया। इससे ठेकों के मूल्य में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। सरकार की कोशिश रही है कि ठेका व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, जिससे न केवल भ्रष्टाचार रुके, बल्कि अधिक से अधिक राजस्व भी प्राप्त हो।
नीति-निर्माताओं को मिला उत्साहजनक संकेत
गुरुग्राम का यह प्रदर्शन राज्य सरकार के लिए आर्थिक मजबूती का संकेत है। इससे मिलने वाले राजस्व से सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं में निवेश का अवसर मिलेगा। साथ ही ये संकेत भी मिला है कि यदि नीति को व्यावसायिक दृष्टिकोण से और पारदर्शी बनाया जाए, तो राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है और नीति-निर्माताओं के लिए यह अनुभव भविष्य की योजनाओं में और सुधार व नवाचार के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है। आने वाले वर्षों में अन्य जिले भी गुरुग्राम के मॉडल को अपनाकर अपने राजस्व में इजाफा कर सकते हैं। जिससे की हरियाणा सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकती है।





