हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन एक ऐसा प्रस्ताव पास किया गया, जिस पर सभी दलों के विधायक सहमत दिखे। इस प्रस्ताव का मकसद है कि अब मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गैंगस्टरों और अपराधियों को हीरो की तरह दिखाना बंद किया जाए। बीते कुछ समय से देखा जा रहा है कि कई सोशल मीडिया पेजों और कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गैंगस्टरों की जिंदगी को फिल्मी अंदाज़ में पेश किया जा रहा है। उनके अपराधों को नकारात्मक की बजाय रोमांचक कहानियों की तरह दिखाया जाता है।
विकास और पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर अपराधियों को लगातार लोकप्रियता मिलती रही, तो समाज में अपराध का डर कम और उसकी चमक ज़्यादा नज़र आने लगेगी। उन्होंने साफ कहा, “मीडिया को अपराधियों की जगह समाज के असली नायकों को सामने लाना चाहिए, ताकि लोग सच्चाई और मेहनत से प्रेरणा ले सकें।” यह चीज़ खासकर युवाओं पर गलत असर डाल रही है। कई युवा ऐसे अपराधियों को रोल मॉडल मानने लगे हैं।
सर्वसम्मति से पास हुआ प्रस्ताव
विधानसभा के स्पीकर हरविंदर कल्याण ने इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद ऐलान किया कि इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस प्रस्ताव को मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तक पहुँचाया जाएगा, ताकि आगे गैंगस्टरों की छवि को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके। यह फैसला युवाओं के हित में बेहद अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब किसी अपराधी को लगातार ‘स्टाइलिश’ या ‘दमदार’ किरदार के रूप में दिखाया जाता है, तो युवा उसकी तरफ खिंच जाते हैं। यह उनके जीवन और सोच दोनों को गलत दिशा में ले जाता है।
हरियाणा STF की सख्ती भी जारी
विधानसभा के इस निर्णय से उम्मीद है कि समाज में सकारात्मक माहौल बनेगा और युवा मेहनत, ईमानदारी और शिक्षा जैसे रास्तों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। विधानसभा के इस प्रस्ताव से पहले हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) भी इस दिशा में सक्रिय है। हाल ही में STF ने हरियाणवी गायकों और कलाकारों को चेतावनी दी कि वे अपने गीतों और वीडियोज़ में हथियार, गैंगवार और नशे जैसी चीज़ों को दिखाना बंद करें। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह का कंटेंट अपराध को बढ़ावा देता है और समाज में हिंसा का माहौल बनाता है।
न्यायालय का भी रुख सख्त
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहले ही गैंगस्टर कल्चर पर चिंता जताते हुए सरकार से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार करने को कह चुका है। अदालत ने साफ कहा है कि समाज में अपराधियों की बढ़ती ‘फैन फॉलोइंग’ को रोकना बेहद ज़रूरी है, वरना यह गंभीर चुनौती बन सकती है।
क्या बदलेगा इस पहल से
-मीडिया और सोशल मीडिया को गैंगस्टरों के इंटरव्यू या ग्लैमरस कवरेज से बचना होगा।
-अपराधियों को ‘आइडल’ की तरह दिखाने की प्रवृत्ति कम होगी।
-समाज में अपराध के प्रति नकारात्मक धारणा और मज़बूत होगी।
-युवाओं में अच्छे आदर्शों को बढ़ावा मिलेगा।





