हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के मानसून सत्र में एक बड़ा ऐलान करते हुए घोषणा की कि अब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत आवंटित घरों और छोटे आवासीय भूखंडों पर स्टांप ड्यूटी पूरी तरह खत्म कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि छोटे प्लॉटों और योजना के तहत दिए गए घरों की रजिस्ट्री में अब किसी भी प्रकार का स्टांप शुल्क नहीं देना होगा।
इस कदम का मकसद केवल केंद्रीय योजनाओं को सरल बनाना ही नहीं है, बल्कि संपत्ति खरीदने की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाना भी है। किश्तों के समय पर स्टांप ड्यूटी बचने से आम परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, इससे संपत्ति पंजीकरण बढ़ने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे राजस्व में स्थिरता आएगी। सीएम ने यह भी बताया कि स्टांप ड्यूटी मूलतः 7% (जिसमें 2% डेवलपमेंट फीस शामिल) है—5% महिलाओं के लिए—लेकिन अब यह छोटे प्लॉटों और योजनाबद्ध घरों पर पूरी तरह से माफ कर दी गई है।
कौन-कौन लाभार्थी होंगे शामिल?
-शहरी क्षेत्रों में 50 गज (लगभग 42 वर्ग मीटर) तक के प्लॉट
-ग्रामीण क्षेत्रों में 100 गज (लगभग 84 वर्ग मीटर) तक के प्लॉट
-साथ ही इन योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले घर भी शामिल हैं।
-मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह राहत योजनाओं के सच्चे लाभार्थियों को ध्यान में रखकर दी गई है, ताकि उन्हें बेहतर तरीके से सरकार का समर्थन मिल सके।
“जीरो टॉलरेंस” नीति की बात
मुख्यमंत्री सैनी ने यह ऐलान करते हुए “जीरो टॉलरेंस” नीति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही अपराध के प्रति शून्य सहिष्णुता वाला रवैया अपनाया हुआ है और कानून-व्यवस्था में लगातार सुधार हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि नए कलेक्टर रेट्स पारदर्शिता पर आधारित हैं—वे मार्किट वैल्यू के मुताबिक सालाना निर्धारित किए जाते हैं, ताकि रेवेन्यू लॉस रोका जा सके।
कांग्रेस सरकार पर हमला
हरियाणा सरकार की यह घोषणा गरीब और मध्यम वर्ग को बड़ी सुविधा देने वाली साबित होने की संभावना रखती है। इससे संपत्ति खरीदना सरल और किफायती होगा, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही यह पहल यह दर्शाती है कि सरकार आवासीय योजनाओं को सुलभ और जिम्मेदार तरीके से लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”
सीएम ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच बलात्कार के मामले तीन गुना बढ़े। 2004 में ये मामले 386 थे, जो 2014 तक बढ़कर 1,174 हो गए। उन्होंने कहा कि उस समय हरियाणा पर कन्या भ्रूण हत्या का कलंक भी था। लेकिन 2015 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पानीपत से शुरू किए गए “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के बाद हालात बदले। अब लिंगानुपात सुधरकर 1000 लड़कों पर 871 से बढ़कर 910 लड़कियाँ हो गया है। सैनी के अनुसार, उनकी सरकार ने इस कलंक को काफी हद तक मिटा दिया है।





