पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड की शिवालिक पहाड़ियों से बहने वाली तंगड़ी नदी अचानक उफान पर आ गई है और अंबाला कैंट में बसे उन इलाकों में पानी घुस गया है जो नदी के नीचे बसे हैं। इस नदी का जलस्तर 30,000 क्यूसेक्स को छू चुका है, जबकि खतरे की सीमा केवल 15,400 क्यूसेक्स है। हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज भी मौके पर पहुंचे और नदी के पुल से पानी का बहाव देखा।
उन्होंने प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने, प्रभावित इलाकों में निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और NDRF की टीमों की मदद से सुरक्षा इंतज़ाम मजबूत करने के निर्देश दिए। सरकार ने नदी के गहराई बढ़ाने का काम भी पहले ही शुरू किया था। हालांकि बारिश की वजह से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी, लेकिन इससे नदी में बहने वाली पानी की क्षमता में सुधार हुआ है, जिससे संभावित ज़रूरी नुकसान टल गया।
2023 में आया था तंगड़ी में उफान
इसके अलावा, चांदपुरा, सरसेहरी और विविध कॉलोनियों की रक्षा हेतु बांध और बांध-का-निर्माण जैसे कार्य तेजी से जारी हैं। इससे नदी का पानी नियंत्रित प्रवाह में रखा जा सकेगा। 2023 में भी जब तंगड़ी नदी उफान पर थी, तब अंबाला कैंट और आसपास के क्षेत्रों में भारी जलभराव हुआ था। उस समय कई घरों में पानी घुसा, सामान और मकान की नींव क्षतिग्रस्त हो गई । आज वही डर फिर से लौट आया है, लोग रात को सूखे सामान छत पर रख देते हैं और नींद आंखों से दूर होती है।
शिवालिक श्रृंखला से निकलती है
तंगड़ी (या डंग्री) नदी हिमाचल की शिवालिक श्रृंखला से निकलती है और अंबाला कैंट पर बहती हुई घगढ़र नदी में मिलती है। यह नदी प्रायः मौसमी होती है और भारी बरसात के दौरान खतरे का सबब बन जाती है। अंबाला में तंगड़ी नदी की उफनती, बढ़ती लहरों ने एक बार फिर स्थानीय लोगों के डर और शासन के लिए सावधानी की ज़रूरत को उजागर किया है। हालांकि नदी के गहराई बढ़ाने जैसे कदमों ने इस बार स्थिति को काफी काबू में रखा है, पर प्रशासन को अलर्ट रहना होगा।





