कोरोना कर्फ्यू के बावजूद मप्र में 13107 नए केस, 75 की मौत, सीएम ने कलेक्टरों को दिए ये निर्देश

Pooja Khodani
Published on -
mp corona update today

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) और लॉकडाउन (Lockdown) के बावजूद मप्र (MP) में दिनों दिन हालात भयावह होते जा रहे है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के बाद अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर हो चली है।इन जिलों में रोजाना 1200-1500 से ज्यादा केस सामने आ रहे है। पिछले 24 घंटे में 13,107 नए केस सामने आए है और 75 की मौत हो गई।

कैबिनेट बैठक: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार,आज आई रिपोर्ट्स में मप्र में पिछले 24 घंटे यानि मंगलवार 13 हजार 107 नए केस सामने आए है वही 75 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है।इन आंकड़ों के बाद प्रदेश में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 82,268 हो गई है। इनमें करीब 60 फीसद मरीज होम आइसोलेशन में है और संक्रमण की दर 24 फीसद हो गई है। मप्र के इंदौर में सबसे ज्यादा 1781, भोपाल में 1701, ग्वालियर में 1219 नए मरीज मिले हैं। वही 9035 स्वस्थ होकर घर लौटे।

चौंकाने वाली बात तो ये है कि मप्र में अप्रैल के 20 दिनों में रिकाॅर्ड 1 लाख 45 हजार 977 संक्रमित मिले हैं।अगर रफ्तार ऐसे ही चलती रही तो 25 अप्रैल से पहले एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 1 लाख के पार हो जाएगा, जो अभी 82 हजार से ज्यादा है। इन 20 दिनों में सबसे ज्यादा 265 मौतें ग्वालियर, दूसरे नंबर पर 168 मौतें जबलपुर, भोपाल में 153 और इंदौर में 104 मौतें दर्ज की गई।2 दर्जन से ज्यादा जिलों में 200 पार संक्रमित मिले है।

मप्र के पूर्व विधायक का हार्ट अटैक से निधन, सीएम शिवराज और सिंधिया ने जताया शोक

इन आंकड़ों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने चिंता जताई है। सीएम ने कलेक्टरों से दो टूक कहा है कि कोरोना संक्रमण की जिलों की पॉजिटिविटी रेट के आधार पर कलेक्टरों (Collector) की रैंकिंग की जाएगी। सभी जिलों में 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। जिन जिलों में कोरोना संक्रमण अधिक है, वहाँ तत्काल किल कोरोना अभियान-2 आरंभ किया जाए। होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास हो।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News