भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दो विभागों की लापरवाही के चलते 2.36 लाख अध्यापक अधर में लटक गए है। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में संवलियन के बावजूद न्यू पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) के अंशदायी पेंशन योजना (CPF) 800 करोड़ की बजाय अबतक केवल 300 करोड़ ही जमा किए गए है, जिसके चलते अध्यापक (Teachers) राशि नही निकाल पा रहे है और उन्हें विभाग के चक्कर लगाना पड़ रहा है।सरकार की इस लापरवाही से कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है और जल्द जल्द इस समस्या के निराकरण की मांग की गई है।
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दरअसल, राज्य सरकार (State Governement) ने अप्रैल 2007 में 22 सालों से कार्यरत शिक्षकों के लिए अध्यापक संवर्ग बनाया था और अध्यापकों का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में कर दिया गया था । इस संवर्ग की सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण और नगरीय निकायों (Panchayats and Rural and Urban Bodies) के अधीन थी। इसके बाद 2011 से न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत शामिल करके 2018 में इस संवर्ग के सेवा भर्ती नियम तैयार हुए और रिकॉर्ड ट्रेजरी में 2019 में अपडेट किया गया । इसके बाद स्कूल शिक्षा और आदिमजाति कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) ने अध्यापकों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम के तहत राशि काटना शुरु कर दिया।
प्रदेश के करीब 2.36 लाख अध्यापकों के 800 करोड़ रुपए काटे गए, लेकिन 300 करोड़ ही जमा किए। इस दौरान सरकारें भी बदल गई, जिसके चलते गड़बड़ी पकड़ में भी ना आ सकी। इसके बाद जैसे ही इसका खुलासा हुआ दोनों विभागों ने अध्यापकों के यूनिक आईडी नंबर जारी कर राशि उनके खातों में जमा कराना शुरु किया।
बता दे कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी की 10% काटी जाती है और 10% ही राशि राज्य सरकार मिलाती है। इसमें अध्यापक 25% राशि तक निकाल सकते हैं, लेकिन दोनों विभागों की लापरवाही से अब उनकी यह राशि भी नहीं निकल पा रही है, जिसके चलते अध्यापकों में खासी नाराजगी है।